मायावती ने कृषि सुधार बिल पर फिर कहा- सरकार को किसानों को विश्वास में लेकर करना चाहिए था फैसला
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार के कृषि विधेयक पर एक बार फिर सवाल खड़े किये हैं।
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो) |
उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार किसानों को विश्वास में लेकर निर्णय लेती तो बेहतर होता।
मायावती ने गुरूवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेकों मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके हितों में फैसले लिए थे। यदि केंद्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता।
जैसाकि विदित है कि बीएसपी ने यूपी में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेकों मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके हितों में फैसले लिए थे। यदि केन्द्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता।
— Mayawati (@Mayawati) September 24, 2020
इससे पहले मायावती ने लिखा था कि संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, पास कर दिये गये हैं। उससे बसपा कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।
संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, कल पास कर दिये गये हैं। उससे बी.एस.पी. कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।
— Mayawati (@Mayawati) September 18, 2020
ज्ञात हो कि कृषि सुधार बिल के विरोध में कई विपक्षी दल लामबंद हैं। बीते रविवार को विपक्षी दलों ने इसके विरोध में राज्यसभा में हंगामा भी किया था। हालांकि विपक्षी दल होने के बावजूद बसपा ने इस हंगामें से स्वयं को दूर रखा था, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार इस मुद्दे पर पार्टी की राय रखते हुए इसका विरोध कर रही हैं।
किसान संगठनों ने कृषि विधेयकों के विरोध में शुक्रवार को चक्का जाम करने का भी निर्णय किया है।
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