अखिलेश को कुछ दिन पाकिस्तान में बिताने चाहिए : उप्र भाजपा अध्यक्ष

Last Updated 01 Jan 2020 06:16:44 PM IST

उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देवसिंह ने बुधवार को अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख को पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को समझने के लिए एक महीने तक वहां रहना चाहिए।


स्वतंत्र देवसिंह और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देवसिंह ने एनपीआर और एनआरसी का विरोध करने के लिए अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया।    

सिंह ने यह भी कहा कि संशोधित नागरिकता कानून गरीबों के खिलाफ नहीं है और उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा इस कानून के बारे में लोगों को गुमराह कर रही हैं।      

राज्य भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘अखिलेश को एक महीने तक पाकिस्तान में रहना चाहिए और हिंदू मंदिरों में पूजा करनी चाहिए, तब उन्हें समझ में आएगा कि पाकिस्तान में हिंदुओं पर कैसे अत्याचार हो रहे हैं।’’      

इससे पहले यादव ने 29 दिसंबर को कहा था कि राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) देश के गरीबों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं, और वह एनपीआर का फार्म नहीं भरेंगे।    

सिंह ने वृंदावन स्थित एक गौशाला में कहा, ‘‘एनपीआर में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि इसमें आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस देने जैसे आसान विकल्प हैं।’’      
उन्होंने यादव पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओ को नजरअंदाज करने और परिवार को आगे बढाने का आरोप भी लगाया।      

उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को भी निशाने पर लिया और कहा कि वह लोगों को सीएए के बारे में गुमराह करना चाह रही हैं।      

उन्होंने कहा कि सीएए गरीबों के हित में है और इसलिए इस पर स्वस्थ राजनीति होनी चाहिए।      

गौरतलब है कि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है, जिन्होंने इन तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया है।    

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पाकिस्तान में उत्पीड़न का सामना करने वाले लोगों को सम्मानजनक जीवन देने की कोशिश कर रहे हैं।  

   

उन्होंने कहा कि सीएए पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नकारात्मक रुख के चलते न तो हिंदू उन्हें वोट देंगे और न मुसलमान।      

उन्होंने इन दलों के नेताओं और जेएनयू तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को सीएए पढने की सलाह दी।

भाषा
मथुरा


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