जवाहर बाग केस : 45 दोषियों को तीन साल की कैद
तीन वर्ष पूर्व जवाहर बाग में रामवृक्ष यादव के समर्थकों पर आलू खुदाई और कर्मचारियों के साथ मारपीट के मामले में अदालत ने 45 दोषियों को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है, जबकि दो महिला आरोपियों को बरी कर दिया है।
जवाहर बाग मारपीट मामला |
पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है।
15 मार्च 2016 को जवाहर बाग की सरकारी भूमि पर आलू की फसल लगी हुई थी। फसल को उद्यान विभाग के कर्मचारी और श्रमिक खोद रहे थे, तभी जवाहर बाग परिसर में अनशन कर रहे रामवृक्ष यादव, चंदन बोस समेत 100-150 लोग वहां आ गए और आलू खोदने से मना करने लगे। इस पर रामवृक्ष यादव और चंदनबोस समेत 100-150 लोगों ने लाठी डंडे लेकर उद्यान विभाग के कर्मचारियों एवं श्रमिकों को दौड़ा कर पीटा। इसमें कई कर्मचारी एवं श्रमिक घायल हो गए थे।
इस संबंध में सहायक उद्यान निरीक्षक रामस्वरूप शर्मा ने थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना के दौरान विवेचना अधिकारी एसआई हरभजन सिंह ने नामजद चंदन बोस समेत कुल 52 लोगों के नाम चार्जशीट में उजागर किए, जबकि रामवृक्ष यादव का कोई सुराग न लगने पर उसके नाम को निकाल दिया गया। मामला एसीजेएम सीनियर डिवीजन द्वितीय की अदालत में विचाराधीन था। इस दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 21 गवाह पेश किए गए। मुकदमे में प्रकाश में आए 52 आरोपियों में से आरोपी दयाशंकर, कौशलकिशोर, विमला देवी, राम श्रंगारी देवी एवं अनूप के अदालत में पेश न होने के कारण इनके खिलाफ वारंट जारी कर इनकी फाइल सुनवाई के लिए अलग कर दी गई।
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