एक करोड़ से अधिक ने संगम में लगाई डुबकी

Last Updated 22 Jan 2019 03:25:46 AM IST

पौष पूर्णिमा पर सोमवार को लाखों भक्तों ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी। भोर से ही एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर गंगा मइया एवं हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए स्नान कर दान-पुण्य किया।


एक करोड़ से अधिक ने संगम में लगाई डुबकी

स्नान का यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।  पौष पूर्णिमा स्नान को  सुगम बनाने के लिए प्रशासन ने नगर से लेकर मेला क्षेत्र तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर थी। भगवान सूर्य की मेहरबानी ने इस पर्व को और आस्थामयी बना दिया।

संगम की रेती पर कदम रखने वाला हर शख्स संगम की हिलोर मारती सलिला में डुबकी लगाने के लिए हलकान दिखा। यही कारण रहा कि पौष पूर्णिमा के मौके पर पूरी संगम नगरी श्रद्धालुओं के सैलाब से पट गयी। जिस ओर देखिए आस्था की रस में डूबे भक्तों का सैलाब ही नजर आ रहा था। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के मुताबिक पौष पूर्णिमा स्नान पर बीती रात्रि 12 बजे से लेकर सोमवार देर शाम तक एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर स्नान कर दान-पुण्य कमाया।

हर जगह सुरक्षा : रविवार की रात से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने से संगम इलाके में चहल-पहल शुरू हो गई थी। वहीं सुरक्षा बलों ने मेले में पहुंच रहे श्रद्धालुओं एवं आगंतुकों की गतिविधि पर करीब से नजर रखी। सूर्योदय से भी पहले श्रद्धालु डुबकी लगाकर घाट से बाहर आते नजर आए। अधिकारी बार-बार श्रद्धालुओं से गहरे पानी में नहीं जाने और अपने आस-पास संदिग्ध तत्वों पर नजर रखने तथा पुलिस को इसकी सूचना देने की घोषणा करते रहे। संगम क्षेत्र में कई स्थानों पर सूर्योदय से पहले कोहरा देखा गया। हालांकि इससे पौष पूर्णिमा के स्नान के लिए बड़ी संख्या में यहां उमड़े श्रद्धालुओं के जोश पर कोई असर नहीं पड़ा।

कल्पवास शुरू : पूर्णिमा के साथ ही कल्पवास की शुरुआत हो गई है। सुमेरू पीठ काशी के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद गिरि ने बताया कि प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर प्रति वर्ष लगने वाले माघ मेला और हर छह वर्ष में लगने वाले कुंभ मेला में लाखों लोग कल्पवास करने आते हैं। इंद्रियों पर संयम और मन पर नियंत्रण हासिल करने के उद्देश्य से लोग ये साधना करते हैं। कल्पवास पौष पूर्णिम के दिन से माघ पूर्णिमा तक किया जाता है। इस कुम्भ मेले में अनुमानित 3-4 लाख कल्पवासी आए हैं।

आईएएनएस
प्रयागराज


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