उत्तर प्रदेश में SP-BSP गठबंधन का ऐलान, 38-38 सीटों पर लड़ेंगी चुनाव

Last Updated 12 Jan 2019 09:44:06 AM IST

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज लोकसभा चुनाव के लिये उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर गठबंधन का ऐलान कर दिया।


बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव

मायावती ने कहा कि गठबंधन में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38 और सपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

मायावती ने लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करते हुये कहा कि यह नरेंद्र मोदी और अमित शाह की नींद उड़ाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस है।

उन्होंने कहा, भाजपा की जहरीली, सांप्रदायिक और जातिवादी राजनीतिक से प्रदेश को दूर रखने के उद्देश्य से 1993 के विधानसभा चुनावों में काशीराम जी और मुलायाम सिंह जी के गठबंधन में चुनाव लड़ा गया और सरकार बनाई गई थी। देश में दोबारा ऐसे हालातों के बीच बसपा ने एक बार फिर ऐसा करने की जरूरत महसूस की है।

उन्होंने कहा, बसपा ने आगामी लोकसभा चुनावों में एक बार फिर समाजवादी पार्टी के साथ इस गठबंधन को करने का फैसला किया है। आने वाले समय में इस गठबंधन को एक प्रकार से नए राजनीतिक क्रांति का समय माना जायेगा।

बसपा सुप्रीमो ने कहा, 1995 के लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से देश ऊपर रखते हुए गठबंधन का फैसला लिया गया है।

गठबंधन का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा और सपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दो सीटें और दलों के लिए छोड़ी हैं। अमेठी और रायबरेली सीटें कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ दी है।

गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किये जाने के बारे में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश की आजादी के बाद एक ही पार्टी ने काफी समय तक राज किया है। उनके शासन के दौरान गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई।

उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की कार्यशैली और सोच एक जैसी ही है। दोनों ही पार्टियों ने रक्षा डीलों में गड़बड़ी की है। कांग्रेस ने बोफोर्स किया तो अब भाजपा राफेल डील में गड़बड़ी की। इसके चलते यह पार्टी भी देश की सत्ता से बाहर जाने वाली है।

मायावती ने कहा, इन जैसी पार्टियों को हमारे साथ का फायदा मिलता है लेकिन इनके साथ गठबंधन से हमें कोई फायदा नहीं होता। हमें पहले ही इसका अनुभव हो चुका है और पिछले विधानसभा चुनाव में यह अनुभव समाजवादी पार्टी को भी हो चुका है। इसके चलते हम कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।

भाजपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा ने इस गठबंधन को तोड़ने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव का नाम जानबूझकर खनन मामले से जोड़ा। भाजपा को मालूम होना चाहिए कि उनकी इस घिनौनी हरकत से सपा-बसपा गठबंधन को और मजबूती मिलेगी।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को ‘जाति प्रदेश‘ बना दिया। भाजपा ने भगवानों को भी जाति में बांट दिया है।

उन्होंने कहा, सपा-बसपा का केवल चुनावी गठबंधन नहीं है, यह गठबंधन भाजपा के अत्याचार का अंत भी है। भाजपा के अहंकार का विनाश करने के लिए बसपा और सपा का मिलना बहुत जरूरी था।

उन्होंने भाजपा और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि मायावती का सम्मान मेरा सम्मान है। अगर भाजपा का कोई नेता मायावती का अपमान करता है तो सपा कार्यकर्ता समझ लें कि वह मायावती का नहीं बल्कि मेरा अपमान है।

समयलाइव डेस्क


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