आपराधिक वारदातों के शिकार अनुसूचित जाति/ जनजाति को मिलेगी पेंशन
हत्या, लूट अथवा बलात्कार जैसी आपराधिक वारदातों के शिकार अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के पीड़ितो को उत्तर प्रदेश सरकार राहत के तौर पर पांच हजार रूपये की मासिक पेंशन और अन्य सुविधायें मुहैया करायेगी।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल |
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने गुरूवार को जारी बयान में कहा कि अनुसूचित जाति अथवा जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन नियम 2016 के मुताबिक इस वर्ग से संबंध रखने वाले मृतक, विधवा अथवा अन्य आश्रितों को 5000 रूपये मूल पेंशन के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों की भांति महंगाई भत्ता प्रभावित परिवार को दिया जायेगा। इसके अलावा पीड़ति परिवार के सदस्य को रोजगार, स्नातक स्तर तक पढाई लिखाई के पूरे खर्च के साथ ही तीन महीने का राशन और बर्तन आदि देने की व्यवस्था की गयी है। हत्या, लूट अथवा बलात्कार जैसी आपराधिक वारदातों के शिकार अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के पीड़ितो को उत्तर प्रदेश सरकार राहत के तौर पर पांच हजार रूपये की मासिक पेंशन और अन्य सुविधायें मुहैया करायेगी।
उन्होने बताया कि आयोग के संज्ञान में आया था कि आपराधिक वारदात से पीडित एससी/एसटी वर्ग के लोगों को स्थानीय प्रशासन राहत राशि देकर अपने कर्तव्य का इतश्री कर लेता था। उन्होने इस संबंध में समाज कल्याण विभाग को 15 अक्टूबर 2018 को पा लिखकर संशोधन नियम 2016 की सभी सिफारिशों को लागू करने का अनुरोध किया था। इस मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी संज्ञान में लाया गया।
आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने 30 नवम्बर 2018 को शासनादेश जारी कर सभी मंडलायुक्ता एवं जिलाधिकारियों को 16 जून 2016 के शासनादेश को कड़ाई से लागू करने को कहा गया है।
उन्होने बताया कि आयोग ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं अधीक्षकों को कहा है कि 16 जून 2016 के बाद अनूसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत जितने भी मामले पंजीकृत हुये हैं, उनमें पेंशन का प्रस्ताव जिलाधिकारी/ समाज कल्याण अधिकारी को प्रेषित करें और 31 जनवरी तक इस संबंध में अपनी रिपोर्ट आयोग को उपलब्ध करायें। पेंशन की यह व्यवस्था घटना के दिन से सुनिश्चित की जाये।
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