बुलंदशहर हिंसा: चार गिरफ्तार, सामान्य हो रहे हालात

Last Updated 04 Dec 2018 11:41:04 AM IST

बुलंदशहर के स्याना गांव में सोमवार को गौहत्या की अफवाह के बाद फैली हिंसा और एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने के मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बुलंदशहर में स्थिति भी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि सोमवार को हुईं हिंसा के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।       

उन्होंने कहा कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।    

एडीजी ने बताया कि दंगा फैलाने और हत्या के मामले में दो दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से 27 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी और 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।     

उन्होंने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर लोगों की पहचान की जा रही है।     

इस बीच, हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बहन सुनीता सिंह ने आरोप लगाया है कि उनके भाई की हत्या पुलिस के षडयंत्र से हुई है।     

सुनीता ने कहा, ‘‘मेरा भाई पुलिस के षडयंत्र के कारण मारा गया क्योंकि वह दादरी के गौहत्या मामले की जांच कर रहा था।’’     

उन्होंने अपने भाई को शहीद का दर्जा देने और उनका स्मारक बनाने की मांग करते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री गाय-गाय रटते रहते हैं, आखिर वह गौ रक्षा के लिये क्यों नहीं आते हैं?‘‘     

मारे गये इंस्पेक्टर के पुत्र अभिषेक ने कहा कि उसके पिता उसे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा को बढ़ावा न दे।

उसने कहा, ‘‘मेरे पिता ने हिंदू मुस्लिम विवाद के चलते अपनी जान गंवा दी। अब किसके पिता की बारी है?’’    

अभिषेक ने कहा कि आखिरी बार जब उसने अपने पिता से बात की थी तो उन्होंने उससे पूछा था कि क्या उसने खाना खा लिया, और पढाई की या नहीं?’’    

इससे पहले एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस जांच में पता लगाया जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्यों पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर भाग गए।     

आईजी मेरठ रेंज की अध्यक्षता में गठित एसआईटी गोकशी के आरोप और हिंसा दोनों की जांच करेगी। एसआईटी में तीन से चार सदस्य होंगे।    

बताया जाता है कि एक आरोपी योगेश राज बजरंग दल का जिला संयोजक है।    

इस बीच, बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के भाजपा विधायक सिंह ने मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में बुलंदशहर हिंसा और पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या के आरोप में हिंदूवादी संगठनों, खासकर बजरंग दल को क्लीन चिट देते हुए कहा कि ऐसी सम्भावना है कि पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की मौत पुलिस की गोली से ही हुई है।       

उन्होंने दावा किया कि बजरंग दल के लोगों ने पथराव किया था, लेकिन गोली नहीं चलाई थी।

भाषा
बुलंदशहर


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