विपक्ष के वाकआउट के बीच विधानसभा में यूपीकोका पास
जबरदस्त हंगामे और विपक्ष के वाकआउट के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियत्रंण (यूपीकोका) विधेयक पारित हो गया.
(फाइल फोटो) |
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियत्रंण (यूपीकोका) विधेयक पारित हो गया..इस बिल पास होने के साथ ही विधानसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिये स्थगित हो गयी. यह विधेयक कल विधान परिषद में पेश किया जायेगा जहां विपक्ष का बहुमत है. ऐसे में इस बिल को प्रवर समिति को भेजे जाने की संभावना है.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और आरोप लगाया कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राजनीतिक फायदे के लिए यूपीकोका बिल का इस्तेमाल करना चाहती है. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को आस्त किया कि संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिये प्रस्तावित इस विधेयक का इस्तेमाल राजनीतिक विद्वेष के लिये नहीं किया जायेगा. उन्होने कहा कि राजनीतिक लोगों पर दर्ज 20 हजार से अधिक मुकदमे वापस होंगे. इसके वावजूद विपक्ष यूपीकोका में संशोधन पर अडा हुआ था. संशोधन प्रस्ताव को दरकिनार करते हुये सरकार ने बहुमत के आधार पर विधेयक को सदन से पारित करा लिया.
इस पर नाराज मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य हंगामा करते हुये सदन से वाकआउट कर गये. नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि यूपीकोका काला कानून है. अघोषित इमरजेंसी है. यूपीकोका के दुरुपयोग का पहला नमूना सपा महासचिव आजम खां को सदन में बोलने न देना है.
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि साम्प्रदायिक और जातिगत आधार पर यूपीकोका की व्याख्या नहीं की जानी चाहिए. हमारा प्रेस पर सेंसरशिप का कोई इरादा नहीं है. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा ‘यूपीकोका’ बिल को विपक्ष ने संप्रदाय से जोड़ दिया. प्रदेश में सभी अपराध और अपराधियों से पीड़ित हैं पर विपक्ष इसको धर्म और जाति से जोड़ रहा है.
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