जौनपुर अदालत में फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ राजद्रोह का परिवाद दर्ज
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ राजद्रोह का परिवाद अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) द्वितीय धनंजय मिश्र की अदालत में आज दर्ज किया गया.
(फाइल फोटो) |
दीवानी न्यायालय जौनपुर के अधिवक्ता शहेन्शाह ने अदालत में परिवाद दायर किया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने मीडिया के समक्ष कई बार बयान दिया है कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान का हिस्सा है और उसे कोई उससे छीन नहीं सकता. भारत को उस हिस्से को भूल जाना चाहिए. पहले जम्मू कश्मीर में तिरंगा फहराकर दिखाएं. पाकिस्तान कमजोर नहीं है. भारत पर परमाणु बम फेंक देगा. पाकिस्तान कभी कोई साजिश नहीं करता.
परिवादी अधिवक्ता शहेन्शाह हुसैन को 11 जनवरी को बयान के लिए तलब किया गया है. परिवादी की ओर से अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि राजनीतिक फायदे के लिए अभियुक्त राजद्रोहात्मक बयान बाजी कर विधि द्वारा स्थापित भारत सरकार के प्रति घृणा एवं अपमान पैदा कर रहा है जिससे देश की एकता और अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. वह पाकिस्तान को भारत के खिलाफ युद्ध के लिए उकसा रहा है.
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फारुक अब्दुल्ला के बयान से परिवादी की भावनायें आहत हुई. न्यायालय से मांग की गई कि आरोपी को तलब कर दंडित किया जाय.
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