राम भक्तों की इच्छा टाट नहीं ठाठ में रहें राम लला: केशव प्रसाद मौर्य

Last Updated 28 Nov 2017 03:19:57 PM IST

अयोध्या में राम लला के लिए भव्य मंदिर के निर्माण पर विश्वास जताते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज कहा कि हर राम भक्त की इच्छा है कि राम टाट में नहीं ठाठ में रहें.


उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो)

उन्होंने कहा, ..भगवान राम आज भी उसी हालत में हैं जैसे वह विवादित ढांचा ढहने से पहले थे. परंपरा और रीतियों के अनुसार उनकी हर रोज पूजा होती है लेकिन वह (राम) टाट के नीचे हैं. हर राम भक्त चाहता है कि भगवान राम टाट में ना रहें बल्कि ठाठ में रहें. वहां भव्य राम मंदिर बनना चाहिए. 

मौर्य ने कहा कि राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद के मामले में अदालत की दैनिक सुनवाई पांच दिसंबर से शुरू होगी. मुझे विश्वास है कि सुनवाई के बाद जल्द फैसला आएगा. उन्होंने कहा कि एक बार राम मंदिर का निर्माण हो जाए तो यह विहिप नेता अशोक सिंघल, महंत रामचंद्र दास परमहंस और कुर्बानी देने वाले कारसेवकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर की पहल के बारे में मौर्य ने कहा कि अगर कोई पहल करता है तो सरकार की ओर से उसका विरोध नहीं है चाहे वह इस मामले में पक्ष हो या ना हो. जिन्होंने पहल की है, उनके पास रोडमैप होना चाहिए. लेकिन सरकार की ओर से हम या तो संबद्ध पक्षों के बीच समझौते या सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. 

मौर्य ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जानबूझकर राम भक्तों के घाव हरे कर रहे हैं. कोई भी राम भक्त मुलायम के शासन में कारसेवकों पर गोलीबारी को भूल नहीं सकता.

कुछ दिन पहले ही मुलायम ने कारसेवकों पर गोलीबारी को सही ठहराते हुए कहा था कि देश की एकता अखंडता के लिए अगर और लोगों को मारने की आवश्यकता होती तो सुरक्षाबल उन्हें भी मार देते.

मौर्य ने कहा कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है और करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है.

भगवान राम की तुलना कृष्ण से करने को लेकर मुलायम और उनके बेटे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की टिप्पणियों पर मौर्य ने कहा कि उन्होंने निश्चित तौर पर समाज को बांटकर कुछ तात्कालिक फायदे लिये हैं. अब वह भगवान को भी बांटकर कुछ तात्कालिक फायदा चाहते हैं. हालांकि समाज को तो वह बांट सकते हैं लेकिन भगवान को नहीं बांट सकते. अब उन्होंने साबित कर दिया है कि वह समाज को बांटने में भी विफल रहे क्योंकि अब जनता उनके असल रंग को पहचान चुकी है. 

उन्होंने कहा कि हमारे लिये अयोध्या कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं रहा और भविष्य में भी नहीं होगा. यह आस्था का मामला है. सपा, बसपा और कांग्रेस आस्था को राजनीति से जोड़ देते हैं.

भाषा


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