नगरीय निकाय चुनाव योगी सरकार की पहली अग्निपरीक्षा

Last Updated 07 Nov 2017 05:50:05 PM IST

उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी बीजेपी सरकार की पहली अग्निपरीक्षा माना जा रहा है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

करीब आठ महीने पहले बनी योगी सरकार के कार्यकाल में यह पहला बड़ा चुनाव होगा. नगरीय निकाय में 16 नगर निगम, 198 नगरपालिका और 438 नगर पंचायतें हैं. चुनाव तीन चरणों में 22, 26 और 29 नवम्बर को होंगे. मतगणना एक दिसम्बर को होगी.

अग्निपरीक्षा में सफल होने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी पार्टी बीजेपी का प्रचार अभियान खुद ही संभाल रखा है. वह सम्भवत: 15 नवम्बर को अयोध्या नगर निगम के चुनाव प्रचार से इस अभियान की शुरुआत करेंगे. हालांकि राज्य की प्रमुख विपक्षी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के बड़े नेताओं के प्रचार अभियान में भाग लेने की कोई निश्चित रूपरेखा अभी तय नहीं है, लेकिन सपा, बसपा और कांग्रेस नेताओं के अनुसार इन पार्टियों के वरिष्ठ नेता भी प्रचार अभियान का हिस्सा बनेंगे.

इस चुनाव में पहली बार सभी दल अपने-अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ रहे हैं. बसपा पहली बार नगर निकाय चुनाव अपने चिन्ह हाथी पर लड़ रही है. इससे पहले के चुनाव में वह प्रत्याशियों को समर्थन देती थीं लेकिन चुनाव चिन्ह पर पहली बार मैदान में हैं.

मुख्यमंत्री की प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में एक सभा आयोजित किये जाने की योजना है. 16 नगर निगम हैं, इसलिये माना जा रहा है कि योगी कम से कम 16 सभाओं को सम्बोधित करेंगे. मायावती और अखिलेश यादव का अभी प्रचार अभियान के सिलसिले में कोई कार्यक्रम तय नहीं है. अयोध्या और मथुरा-वृन्दावन पहली बार नगर निगम के रूप में अस्तित्व में आयेंगे. इनमें अन्य नगर निगमों की तरह पहली बार पार्षद और मेयर चुने जायेंगे.

भाजपा ने औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को अयोध्या नगर निगम, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को मेरठ का चुनाव प्रभारी बनाया है. पार्टी के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने बताया कि नगर निकाय चुनाव जीतकर पार्टी कार्यकर्ता नेतृत्व को उपहार देना चाहते हैं.

पाठक ने बताया कि योगी के साथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय भी प्रचार अभियान का मुख्य हिस्सा होंगे. उनका कहना था कि 652 नगरीय निकायों के 12 हजार वार्डों में हो रहे चुनाव में पार्टी जीत का परचम लहराना चाहती है.

उधर, सपा प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने बीजेपी पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव कुछ क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिये जा सकते हैं, जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर का चुनिंदा क्षेत्रों में जाने की चर्चा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान के अनुसार बब्बर का कार्यक्रम अभी तय नहीं है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में उनके दौरे लग सकते हैं. अपने चुनाव चिन्ह हाथी पर पहली बार नगर निकाय चुनाव लड़ रहे बसपा ने कहा है कि मायावती इस चुनाव में प्रचार के लिये नहीं जायेंगी.

बीजेपी ने पिछले चुनाव में 12 में से 10 नगर निगमों और 42 नगरपालिका परिषदों में जीत हासिल की थी. उसके 36 नगर पंचायतों के अध्यक्ष भी जीते थे.

वार्ता


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