ताजमहल विवाद : योगी के दौरे से भरपाई संभव

Last Updated 20 Oct 2017 06:45:30 PM IST

पर्यटन जगत के दिग्गजों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताजमहल का दौरा करने के फैसले का स्वागत किया है. योगी के दौरे को 17वीं शताब्दी में संगमरमर से बने दुनिया के आठ अजूबों में शुमार ताज के बारे में राजनेताओं के विवादित बयानों से हुए नुकसान की भरपाई के रूप में देखा जा रहा है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

पर्यटन जगत के अग्रणियों ने कहा कि 26 अक्टूबर को योगी का दौरा ताजनगरी के लोगों में भड़के गुस्से को शांत करने में मदद करेगा.

भाजपा विधायक संगीत सोम ने पिछले सप्ताह एक बयान में ताजमहल को भारतीय संस्कृति पर 'धब्बा' बताकर विवाद खड़ा कर दिया था, वहीं कुछ अन्य दक्षिणपंथी राजनेताओं ने यूनेस्को के इस विश्व धरोहर स्थल, जिसका दीदार करने लाखों लोग पहुंचते हैं, को भारतीय सामाजिक-सांस्कृतिक लोकाचार का प्रतिनिधित्व न करने वाला बताया था.

गाइडों, ट्रैवल एजेंसियों व होटलों का प्रतिनिधित्व करने वाले निकायों ने आगरा को निशाना बनाकर निरंतर 'डाउनग्रेडिंग' और 'प्रेरित अपमान' किए जाने के खिलाफ आंदोलन की धमकी दी है.

मुगल इतिहासकार प्रो. आर. नाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को कई पत्र लिखकर कहा है कि राजनेता इतिहास को न बिगाड़ें और 'अफवाहों' को आधार बनाकर निर्णय न दें.

आगरा पर्यटन कल्याण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रह्लाद अग्रवाल ने कहा, "देश के मुख्य पर्यटन स्थल आगरा की सही हिस्सेदारी और मान्यता को अस्वीकार किए जाने से देश का पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है."

पर्यटन जगत के कुछ दिग्गजों ने शुक्रवार सुबह आईएएनएस को बताया कि उन्हें आशा है कि मुख्यमंत्री के दौरे से इस विवाद पर विराम लग जाएगा.

गाइड्स एसोसिएशन के सचिव राजीव सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री का दौरा बिल्कुल सही समय पर होने जा रहा है.

जीएसटी की वजह से आर्थिक मंदी का पहले से ही दबाव झेल रहे हस्तशिल्प उद्योग के नेताओं ने राजनेताओं से अपील की है, "वे इस तरह की बेतुकी बयानबाजी न करें, जिनके पास इतिहास का कोई आधार नहीं है."

पर्यटन विकास फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप अरोड़ा ने बताया कि लाखों लोग पर्यटन से अपनी आजीविका चला रहे हैं और नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि ताजमहल सकल वार्षिक कमाई में नंबर एक रहा है.



ताजमहल की उत्पत्ति को लेकर सवाल नियमित अंतराल पर उठते रहे हैं. वहीं पी.एन. ओक का सिद्धांत कहता है कि यह स्मारक पहले शिव मंदिर था. इस बारे में वरिष्ठ गाइड वेद गौतम ने आईएएनएस को बताया, "हिंदू संगठन यह सवाल तब उठाने लगे, जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इस स्मारक के जानबूझकर संप्रदायीकरण किए जाने की प्रक्रिया के तहत लोगों को प्रार्थना और धार्मिक गतिविधियां आयोजित करने से रोकने में विफल रहा."

इस बीच, अधिकारियों ने ताजमहल के आसपास के इलाके को संवारने की योजना बनाई है, जहां मुख्यमंत्री के दौरे की संभावना है. खेरिया हवाईअड्डे से ताजमहल तक 10 किलोमीटर की पट्टी में बैरिकेड लगाए गए हैं, साथ ही सड़क मरम्मत का कार्य भी शुरू हो गया है.

जिलाधिकारी गौरव दयाल ने कहा कि आदित्यनाथ यहां कम आय वर्ग के लोगों के लिए पर्यटन योजना के तहत कुछ परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे और आगरा व मथुरा में कुछ बुनियादी परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे.

योगी ने इससे पहले 7 मई को आगरा का दौरा किया था. उन्होंने दोपहर में गंदे और विवादास्पद ताज कॉरिडोर में घूमते हुए यमुना के कायाकल्प की योजना पर चर्चा की थी. हालांकि पांच महीनों में इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं किया गया.

आईएएनएस


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