हुसैन की याद में बड़ी तादाद में मुस्लिमों का जुलूस
हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों के सम्मान में राजधानी लखनऊ समेत समूचे उत्तर प्रदेश में कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच बड़ी तादाद में मुस्लिमों ने जुलूस निकाल कर अपने गम का इजहार किया और ताजिये दफन किये.
(फाइल फोटो) |
इस्लामी कलेंडर के अनुसार आज मुहर्रम के 10 वीं यौमे आसुरा गमगीन माहौल में मनाया गया. इमामबाड़ा में रखे गए ताजिओ को कर्बला में गमगीन माहौल में सुपुर्द - ए - खाक कर दिया गया. इससे पहले शिया समुदाय ने पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत के मौके पर हाथों में झंडा तथा हुसैन की कब्र की प्रतिकति लेकर मातम किया जबकि सुन्नी समुदाय ने रोजा रखकर नमाज पढ़ी.
लखनऊ में मुहर्रम का मुख्य जुलूस बड़ा इमामबाड़ा से शुरू हुआ और आठ किमी की दूरी तय कर तालकटोरा पर खत्म हुआ. इस दौरान हुसैनी सौगवारों ने खुद को घायल कर मातम मनाया और इमाम हुसैन की शहादत का मकसद बयां किया. देर शाम शाम-ए-गरीबा की मजलिस का आयोजन किया गया.
आज से 1400 साल पहले ईराक के कर्बला में हारत इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियो के साथ यीदी फौज के साथ लड़ते हुए हक़ व इन्साफ के लिए शहादत दे दी, जिसकी याद में कल नौ मुहर्रम की रात ताजिये रखे गए. लोगो ने शब्बेदारी की और कर्बला के शहीदों को याद करते हुए नौहा, मातम व सीनाजनी किया.
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