उप्र में जो किसान इजरायली पद्धति से सिंचाई करेंगे उन्हें सरकार देगी अनुदान

Last Updated 28 Sep 2017 09:16:19 PM IST

उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई यांत्रिक मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि प्रदेश में जो किसान इजरायल पद्धति से सिंचाई करेंगे, प्रदेश सरकार उन्हें 90 प्रतिशत तक अनुदान देगी.


उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई यांत्रिक मंत्री धर्मपाल सिंह (फाइल फोटो)

सिंह ने आज मथुरा में संवाददाताओं को बताया कि इजरायल में किसान माइक्रो इरीगेशन सिस्टम से सिंचाई करते हैं जिससे पानी कम लगता है लेकिन फसल अच्छी होती है. उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सही तरीके से पानी का वितरण करने के लिए इसके लिए बनी कुलाबा समिति, रजवाहा समिति एवं अल्पिका समिति के लम्बे समय से चुनाव नही हुए हैं उन्हें अब गुप्त मतदान विधि से जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की देख रेख में कराया जाएगा.

उनका कहना था कि इन समितियों के वोटर किसान ही होंगे. उन्होंने बताया कि इसके बाद किसान को रोस्टर के हिसाब से पानी मिलेगा. सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार नेपाल की नदियों से पानी लेकर सिंचाई का अंतर्राष्ट्रीय विकल्प बनाने को प्रयत्नशील है. इसके अलावा बुंदेलखण्ड की पानी की समस्या के निराकरण के लिए केन बेतवा लिंक योजना को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है. यह योजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से चालू होगी तथा पिछले 40 साल से यह ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थी.

सिंचाई मंत्री ने बताया कि प्रदेश बाढ और सूखे की चपेट में है. पूर्वांचल बाढ़ की चपेट में है वहीं पश्चिम का कुछ भाग सूखे की चपेट मे है इसके बावजूद जब आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी से सूखे की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी गई तो अधिकारियों ने सूखे की आशंका नहीं जताई. सरकार ने इसके बाद कमिश्नर को आदेश दिया है कि वह दोबारा सही सर्वे कराकर रिपोर्ट भिजवाएं. उन्होंने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिया है कि वे नहरों या रजबहों आदि में कुलाबा न लगना सुनिश्चित करें.

सिंचाई मंत्री ने नहरों में लगे कुलाबों के लगने में विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता की आशंका व्यक्त की और कहा कि इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने अवैध कुलाबा लगाने वालों से 15 अक्टूबर तक कुलाबा हटाने के निर्देश दिए और कहा कि इसके बाद जिनके कुलाबे मिलेंगे उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि अक्टूबर मांह में नहरों की सफाई का कार्य शुरू किया जाएगा.



उन्होंने बताया कि हर खेत को पानी पहुंचाने की 20 हजार करोड का सिंचाई फण्ड अवस्थापना कार्य प्रगति पर है. पूर्व में आगरा कैनाल नहर (भरना नहर) का निरीक्षण करते हुए सिंचाई विभाग के अभियंता को निर्देश दिये कि वे नहर के टेल तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित करें.

श्री सिंह ने संबंधित विभाग के अभियंता को निर्देश दिये कि नहर से अवैध कुलावों को चिन्हित कर अवैधकर्ता के खिलाफ कार्रवाई कराना सुनिश्चित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे. उन्होंने निरीक्षण के दौरान नहर में देखा कि 10 किमी की दूरी पर कम से कम 50 अवैध कुलावे हैं, जो की अवैध रूप से पाइप डालकर कुलावों को अपने खेत तक ले जाया जा रहा हैं.

उन्होंने संबंधित अभियंता से मौके पर ही स्पष्टीकरण करके पूछा की नहर का निरीक्षण कितनी बार किया और अवैध कुलाबों वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नही की गई. उन्होंने अभियंता को हिदायत दी कि अवैध कुलाबों वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रेषित करें अन्यथा विभागीय कार्रवाई कर दी जायेगी. उन्होंने चेतावनी दी कि अगली बार जांच में यदि ये कमियां मिलीं तो और सख्त कार्रवाई की जाएगी.

 

 

वार्ता


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