बालू खनन की संलिप्तता पर एक एसओ और 5 पुलिसकर्मी निलंबित
उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले के औंग थानाध्यक्ष का अवैध बालू खनन कराने की संलिप्तता से जुड़ा एक ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
(फाइल फोटो) |
एक अन्य घटना में बांदा जिले में अवैध बालू खनन की संलिप्तता में दोषी पाए गए पांच सिपाहियों को पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. यह जानकारी एसपी के जनसंपर्क अधिकारी ने शनिवार को दी.
पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी अनूप सिंह ने बताया कि गंगा नदी के तटवर्ती गांवों में अवैध रूप से बालू खनन कराए जाने का एक ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद थनाध्यक्ष औंग संजय यादव को तत्काल प्रभाव से शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया है और खखरेडू थानाध्यक्ष के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है.
उन्होंने बताया, "इस ऑडियो में थानाध्यक्ष एक बालू माफिया से अवैध बालू खनन कराने के एवज में पैसे मांग रहा है, न देने पर डंपर सीज करने की चेतावनी दे रहा है. ऐसा लग रहा है कि यह ऑडियो 28 फरवरी का है."
उल्लेखनीय है कि गंगा नदी के तटवर्ती गांवों में पुलिस की संलिप्तता से अंधाधुंध बालू का अवैध खनन काफी समय से चल रहा है और यह अवैध बालू औंग थाने के सामने से बेधड़क निकाली जा रही थी.
बांदा के पुलिस अधीक्षक डॉ. श्रीपति मिश्र ने शनिवार को बताया, "मध्यप्रदेश की सीमा में अवैध बालू खनन की रोकथाम के लिए लगाए गए बैरियर में गिरवां थाने के तीन और मटौंध थाने के दो सिपाहियों की ड्यूटी लगाई गई थी. यह पांचों सिपाही बालू माफियाओं से मिलकर खुद अवैध खनन कराते पाए गए हैं."
उन्होंने बताया कि सिपाही जितेंद्र सिंह, वीरेंद्र यादव, धर्मेद्र यादव, मोहनपाल और सूर्यपाल सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया है.
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