योगी को पिता की सलाह- मुस्लिम महिलाओं ने भी दिया वोट, भेदभाव मत करना

Last Updated 22 Mar 2017 12:03:44 PM IST

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री आदित्‍यनाथ योगी के पिता आनंद सिंह बिष्‍ट ने बेटे को समाज के किसी वर्ग के साथ भेदभाव न करने और हिंदुत्‍व प्रचारक की छवि से बाहर निकलने की सलाह दी है.


योगी को पिता की सलाह, मुसलमानों से भेदभाव मत करना

वन विभाग से सेवानिवृत्त आनंद सिंह बिष्ट अपने बेटे को देश के सबसे बड़े प्रदेश की जिम्मेदारी संभालने पर बेहद खुश है.

उन्होंने बेटे को सलाह देते हुए कहा, "अब उन्‍हें समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना चाहिए. बुर्का पहने वाली मुस्लिम महिलाओं ने भी उन्‍हें वोट दिया है. लिहाजा उन्हें अब हर धर्म का सम्‍मान करना चाहिए. सभी धर्म के लोगों का दिल जीतना चाहिए." 

उन्होंने कहा, "पहले दिन सीएम ने अपने स्टाफ से ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है, जो लोगों को आहत करती हो. यह अच्‍छा कदम है, जिसका प्रभाव देखने को भी मिल रहा है. योगी को अब अपनी हिंदुत्व प्रचारक की छवि से भी खुद को निकालने की जरूरत है. उनको समाज के सभी वर्गों के हित में काम करना चाहिए."

बिष्ट ने कहा कि योगी बचपन से ही प्रतिभाशाली थे और उनमें शुरू से ही जनता की सेवा करने का जज्बा था.

आनंद सिंह अपनी पत्‍नी सावित्री के साथ पौड़ी जिले के पंचूर गांव में रहते हैं.

आपको बता दें कि योगी आदित्‍यनाथ का जन्‍म 5 जून 1972 को पंचूर में हुआ था. उनका असली नाम अजय सिंह बिष्‍ट है लेकिन बाद में संन्यास लेने के बाद उनका नाम परिवर्तित हो गया. चार भाइयों और तीन बहनों में योगी दूसरे नम्बर के हैं.

उनकी शुरुआती शिक्षा पौड़ी में ही हुई. बीएससी उन्‍होंने कोटद्वार कॉलेज से की. उसके बाद योगी की मुलाकात गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ से हुई और वह उनसे प्रभावित होकर उनसे दीक्षा लेने के लिये गोरखपुर चले गए.

उनके पिता आनंद सिंह ने बताया कि वह उनके गोरखपुर जाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन उनके दृढ़ संकल्प को देखते हुए वह उन्हें रोक नहीं पाए.

दीक्षा और संन्यास लेने के बाद भले ही योगी ने गोरखपुर को अपनी कर्मभूमि बना लिया लेकिन इस दौरान उनका अपने पैतृक गांव और संबंधियों से नाता बना रहा. उन्होंने वर्ष 1998 में अपने गांव में गोरखनाथ ट्रस्ट के सहयोग से एक स्कूल की स्थापना भी की.

 

समयलाइव डेस्क


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