इलाहाबाद में दो के बाद, वाराणसी में एक बूचड़खाना सील
शहर के जैतपुरा पुलिस थाना क्षेत्र के कमलगदाहा इलाके में जिला प्रशासन ने कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से चलाया जा रहा एक बूचड़खाना सील कर दिया.
इलाहाबाद में दो के बाद, वाराणसी में एक बूचड़खाना सील |
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार के गठन के दो दिन बाद ही यह घटनाक्रम सामने आया.
अधिकारियों ने दावा किया कि 2012 में बूचड़खाना बंद कर दिया गया था लेकिन वहां गुप्त तरीके से काम चलता रहा.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ कार्रवाई करते हुए बूचड़खाना सील कर दिया और साथ ही पांच दर्जन से अधिक मवेशी बरामद किए.
अधिकारियों ने कहा कि बूचड़खाने के प्रबंधक मवेशियों से जुड़ा वैध दस्तावेज दिखाने में नाकाम रहे जिसके बाद बूचड़खाना सील कर दिया गया.
ऐसा पता चला है कि प्रबंधकों ने अधिकारियों से कहा कि मवेशियों को अस्थायी तौर पर लाया गया था और दूसरी जगहों पर भेजा जाना था. उन्होंने साथ ही इस बात से इनकार किया कि वहां मवेशियों को काटा जाता था.
इससे पहले आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के थोड़े ही समय बाद इलाहाबाद में दो बूचड़खानों को सील कर दिया गया था.
भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि वह सत्ता में आने पर ‘‘सभी गैरकानूनी बूचड़खाने बंद करने के लिए कड़े कदम उठाएगी और यांत्रिक बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगा देगी.’’
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