सपा संकट: अखिलेश-शिवपाल के बीच मुलायम की सुलह की कोशिश

Last Updated 24 Oct 2016 08:38:28 PM IST

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के भीतर मचे सियासी संग्राम का सोमवार की बैठक में भी कोई अंतिम समाधान नहीं निकल पाया.


मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव
पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच सुलह कराने की कोशिश तो की, लेकिन दोनों ने बैठक के दौरान एक-दूसरे पर जिस तरह से आरोप-प्रत्यारोप लगाए, उससे साफ हो गया कि यह मामला इतनी जल्दी सुलझने वाला नहीं है. 
 
मुलायम ने हालांकि यह साफ कर दिया कि वह न तो शिवपाल और अमर सिंह को छोड़ेंगे, और न अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद से ही हटाएंगे.
 
बैठक के दौरान मुलायम ने अखिलेश को सार्वजनिक रूप से झिड़की दी, तो शिवपाल ने मुख्यमंत्री को झूठा कहा.
 
मुलायम ने पार्टी विधायकों, विधान परिषद सदस्यों की बैठक बुलाई थी.
 
बैठक में मुलायम सिंह ने दो बार अपने बेटे अखिलेश को डांटा. एक बार उन्होंने अखिलेश को चुप करने के लिए कहा और बाद में कहा कि तुम्हारी हैसियत ही क्या है? 
 
मुलायम ने सोमवार की बैठक में अपनी हनक का बार-बार इस्तेमाल किया, लेकिन इससे वह अंदर उबल रही कड़ावट दूर नहीं कर पाए.
 
यह अलग बात है कि मुलायम ने शिवपाल और अमर सिंह का बचाव किया, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
 
मुलायम ने आगाह भी किया कि यदि पार्टी अपनी कलह से उबर नहीं पाई तो विधानसभा चुनाव में इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिलेगा.
 
बैठक के अंत में मुलायम ने शिवपाल समर्थक एमएलसी आशु मलिक को भी झिड़की दी, जिन्होंने अखिलेश को 'औरंगजेब' कहा था. इस पर शिवपाल ने भी कहा, "आपका मुख्यमंत्री झूठा है."
 
इसके पहले अखिलेश ने भरे गले से कहा कि उनके पिता उनके गुरु हैं और वह समाजवादी पार्टी को कभी विभाजित नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके लिए कभी पद मायने नहीं रहा. वह जनता की सेवा करने के लिए नेता जी के कहने पर राजनीति में आए थे. यदि नेताजी कहेंगे, तो वह इस्तीफा दे देंगे. 
 
अखिलेश ने हालांकि आरोप लगाया कि उनके खिलाफ एक साजिश रची गई है और शिवपाल उसके हिस्सा हैं.
 
अमर पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "एक शख्स की वजह से बहुत कुछ दांव पर लग गया, लेकिन उसके लिए आप रामगोपाल को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं. रामगोपाल ने कभी भी उनको बरगलाने की कोशिश नहीं की."
 
इसके बाद शिवपाल ने अखिलेश पर तीखे हमले शुरू कर दिए. उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश नई पार्टी बनाने या किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं.
 
शिवपाल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के कहने पर अधिकारी उनकी सुनते ही नहीं. उन्होंने कहा, "हम पुलिस के हाथों पीटे गए, जेल गए, साइकिल चला-चला कर लोगों से संपर्क किया, पार्टी को यहां तक पहुंचाया."
 
उन्होंने कहा कि जिस पार्टी को खून-पसीने से सींचा, उसे खत्म करने की बात वह नहीं सोच सकते हैं.
 
उन्होंने कहा, "2012 में सरकार में आने के पहले जब अखिलेश यादव को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने खुल दिले से नेताजी के फैसले का स्वागत किया. मुख्यमंत्री बनाने की जब बात आई तो खुले दिल से नेताजी के आदेश का सम्मान किया. लेकिन बदले में क्या मिला."
 
रामगोपाल पर निशाना साधते हुए शिवपाल ने कहा, "एक शख्स जो जमीनों पर कब्जा करने में शामिल है, भ्रष्टाचार में शामिल है, पार्टी के अंदर साजिश करता है, क्या उसे महत्व मिलना चाहिए."
 
अमर की तारीफ में उन्होंने कहा, "हम उनके योगदान को कैसे भूल सकते हैं. संकट के समय वह पार्टी के साथ पूरी शिद्दत से जुड़े रहे. लेकिन कुछ लोगों को यह मंजूर नहीं था."
 
शिवपाल ने कहा कि छिपकर उन्होंने "अमर सिंह से कभी मुलाकात नहीं की. तुम लोग उनके पैरों के धूल बराबर भी नहीं हो."
 
मुख्तार अंसारी के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "कुछ लोग अफवाह फैलाते रहे कि उन्हें (मुख्तार) पार्टी में शामिल किया गया है. लेकिन सच सबको पता है कि मुख्तार अंसारी को कभी पार्टी में शामिल नहीं किया गया था."
 
मुलायम ने शिवपाल का बचाव करते हुए कहा कि वह उनके खिलाफ एक शब्द भी सुनना पसंद नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, "कोई भी व्यक्ति बड़े दिल के बगैर बड़ा नेता नहीं बन सकता."
 
शिवपाल को बर्खास्त करने और अमर के खिलाफ बोलने के लिए मुलायम ने अखिलेश को झिड़की दी. उन्होंने कहा, "तुम लोग अमर सिंह के बारे में कुछ नहीं जानते. उन्होंने मुझे जेल जाने से बचाया था."
 
अखिलेश ने अमर सिंह की प्रशंसा पर आपत्ति उठाई, तो आक्रोशित मुलायम ने उन्हें चुप करने और बैठ जाने को कहा.
 
मुलायम ने शिवपाल को राजनीति का खिलाड़ी बताया और कहा कि वह लोगों को चुनाव जिताने और हराने की ताकत रखते हैं. उन्होंने अखिलेश से कहा कि वह इस बात का दिवास्वप्न न देखे कि वह अकेले पार्टी को जीत दिला देंगे.
 
इस पर अखिलेश समर्थकों ने विरोध जताया तो मुलायम ने उन्हें भी डांटा, "तुम लोग जितने उछल रहे हो, एक लाठी पड़ेगी तो उछल जाओगे."
 
मुलायम ने इसके बाद अखिलेश से कहा कि वह अपने चाचा शिवपाल के गले लगकर विवाद को यहीं खत्म करे.
 
अखिलेश ने बेमन से शिवपाल को गले लगाया और उनके पैर छुए. इसके तत्काल बाद मुलायम ने घोषणा की कि अखिलेश मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाए जाएंगे.
 
 

आईएएनएस


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