रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी से निष्कासित

Last Updated 23 Oct 2016 04:01:11 PM IST

समाजवादी पार्टी के भीतर मचे सियासी संग्राम में रविवार को उस समय नया मोड़ आ गया, जब सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.


रामगोपाल यादव
इससे कुछ समय पूर्व ही शिवपाल ने भी परोक्ष रूप से रामगोपाल पर हमला बोला और कहा था कि सीबीआई के डर से घर का ही एक व्यक्ति भाजपा से मिल गया है. सपा सूत्रों के मुताबिक, रामगोपाल के पत्र पर सुबह से ही उप्र का सियासी पारा गरमा गया था. रामगोपाल का पत्र मिलने के बाद से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इस मसले पर पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल यादव से फोन पर बात की. दोनों नेताओं के बीच मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा हुई. इसके बाद रामगोपाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फैसला किया गया.
 
इससे कुछ देर पहले ही शिवपाल ने पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव का नाम लिए बगैर उनपर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच से बचने के लिए घर के कुछ नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मिल गए हैं. 
 
शिवपाल ने कहा, "हमारे घर के कुछ लोग भाजपा से मिल गए हैं. सीबीआई से बचने के लिए हमारे कुछ लोग भाजपा से मिल गए हैं. अभी मुख्यमंत्री अखिलेश इन बातों को नहीं समझ रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए."
 
गौरतलब है कि महासचिव रामगोपाल यादव ने रविवार को एक और पत्र पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखा, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सपा का भविष्य बताया है. 
 
रामगोपाल ने 'प्यारे साथियों' नाम से संबोधित पत्र में कहा है कि "अखिलेश के साथ के लोगों ने पार्टी के लिए खून-पसीना बहाया और बड़े बलिदान दिए, जबकि दूसरी ओर ऐसे लोग हैं, जिन्होंने 'करोड़ों कमाए और सत्ता का दुरुपयोग' किया."
 
रामगोपाल का पत्र सार्वजनिक होने के बाद मुलायम सिंह यादव के नजदीकी आशू मलिक ने एक बार फिर फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर बिना नाम लिए रामगोपाल पर निशाना साधा. 
 
उन्होंने लिखा है कि पार्टी का एक बेहद खास शख्स भाजपा के साथ मिलकर समाजवादी पार्टी तोड़ने की साजिश रच रहा है.
 
मलिक ने कहा, "चिट्ठी लिखने वाले ने भाजपा के इशारे पर मुख्यमंत्री को हटाने की साजिश की थी. वर्तमान प्रदेश सरकार को एक एटीएम बना दिया गया है और सरकार को एटीएम किसने बनाया, यह सभी को पता है. सारा खेल भाजपा के इशारे पर खेला जा रहा है."
 
इस बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक आवास पर मंत्रियों और विधायकों की बुलाई बैठक में वरिष्ठ मंत्री व अपने चाचा शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया. इसके अतिरिक्त उन्होंने तीन अन्य मंत्रियों को भी सरकार से बाहर कर दिया.
 
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में शिवपाल और उनके समर्थक विधायकों को नहीं बुलाया गया था.
 
 

आईएएनएस


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