पाक को नसीहत देने से पहले अपने गिरेबान में झांककर देखें मोदी: मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पाकिस्तान को दी गयी सलाह पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी की बयानबाजी ‘दूसरों को नसीहत, खुद की फजीहत’ की कहावत को चरितार्थ करती है.
बसपा सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो) |
मायावती ने रविवार को लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आश्चर्य की बात यह है कि सीमापार से लगातार हो रहे आतंकी हमलों से हो रहे जानमाल के भारी नुकसान को रोक पाने की असफलताओं को छुपाने और अपनी कमजोरियों से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए अब पाकिस्तान को गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा के खिलाफ जंग लड़ने की सलाह दी जा रही है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही इस बारे में पाकिस्तान की जनता को भी सलाह दी जा रही है जबकि इनकी यह बयानबाजी वास्तव में 'दूसरों को नसीहत, खुद की फजीहत' के बहुप्रचलित मुहावरे को चरितार्थ करती है.’’
मायावती ने कहा कि पाकिस्तान सरकार और वहां की जनता को कोरी सलाह देने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मोदी के पिछले ढाई साल के शासन के दौरान गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा के साथ साथ जनहित और जन कल्याण के मामले में भी इनका (मोदी सरकार का) रिकार्ड काफी ज्यादा खराब रहा है.
मायावती ने कहा कि जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में 18 जवानों के बलिदान से देश के लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है. देश के लोग केन्द्र सरकार खासकर मोदी से ऐसे ठोस आासन और प्रभावी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं कि इन घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो.
उन्होंने कहा कि देश की जनता हालांकि केन्द्रीय मंत्रियों खासकर प्रधानमंत्री की बार बार बयानबाजी और आासनों से तंग आ चुकी है. अब लोग चाहते हैं कि आतंकी घटनाओं में लोगों के जान माल खासकर सैनिकों पर होने वाले लगातार हमले समाप्त हों. इसमें जनता को केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार से मायूसी हाथ लगी है.
मायावती ने कहा, ‘‘इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी अपने एक्शन (कार्रवाई) से देश को भरोसा नहीं दिला पा रहे हैं कि आगे ऐसा नहीं होगा. अब हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं, कोई आतंकी घुसपैठ नहीं कर पाएगा, हमारे किसी भी नागरिक और सैनिक का सीमा पार से आतंकी घटनाओं में बलिदान नहीं होगा.’’
उन्होंने कहा कि इन सब मामलों में आमराय से ठोस और दीर्घावधिक नीति बनाकर उस पर अमल करने की बजाय मोदी सरकार लोगों का ध्यान बंटाकर उन्हें गुमराह करने का प्रयास करती नजर आ रही है.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान किये गये वादे पूरे नहीं करने के कारण ही भाजपा को विभिन्न राज्यों, खासकर दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में करारी हार का सामना करना पड़ा.
मायावती ने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और अशिक्षा पर ठोस एवं प्रभावी नीति बनाकर उस पर अमल करने के बजाय मोदी सरकार अपनी शक्ति का प्रयोग बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के हितों में कर रही है. ‘‘अब तो इन्होंने (मोदी) अपने कुछ चहेते उद्योगपतियों के लिए प्रचार प्रसार का काम भी शुरू कर दिया है.’’
भाजपा और मोदी सरकार को किसान, दलित, मजदूर गरीब, पिछड़ा, मुसलमान और ईसाई विरोधी तथा बड़े पूंजीपतियों और सांप्रदायिक तत्वों की हितैषी कट्टरवादी सरकार बताते हुए मायावती ने दावा किया कि सीमाओं की सुरक्षा और सैनिकों के हितों के लिहाज से वर्तमान सरकार कांगेस सरकार की ही तरह विफल साबित होगी.
मायावती ने कहा कि गरीबी और अशिक्षा जैसी भारत की समस्याओं को पाकिस्तान की ऐसी ही समस्याओं से जोड़कर मोदी ढाई साल की विफलताओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए उनको ‘भावनात्मक ब्लैकमेल’ कर रही है. उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने का राजनीतिक प्रयास है.
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