एनएचआरसी ने माना, कैराना से हिंदुओं के पलायन की बात सही

Last Updated 22 Sep 2016 11:30:01 AM IST

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के कैराना में हिंदुओं के पलायन के आरोपों को सही पाया है.


(फाइल फोटो)

आयोग ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद कैराना की जनसंख्या का चरित्र बिल्कुल बदल गया है और मुस्लिम बहुसंख्यक हो गए हैं. हिंदू समुदाय की लड़कियों से छेड़खानी की बात पर भी एनएचआरसी ने मुहर लगा दी है.

भारतीय जनता पार्टी के सांसद हुकुम सिंह ने कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाया था. भाजपा नेता और डूसू की पूर्व अध्यक्ष मोनिका अरोड़ा ने आयोग के समक्ष भेजी शिकायत में अपराधियों के भय से एक समुदाय विशेष के लागों के पलायन की बात कही थी.

हिंदू समुदाय की लड़कियों से छेड़खानी की पुष्टि

आयोग ने डीएसपी रवि सिंह के नेतृत्व में जांच की और पाया कि मुस्लिम समुदाय के लड़के हिंदू लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं. इस कारण यह युवतियां मनमर्जी से घर से बाहर नहीं निकल पाती. उत्पीड़न की शिकार लड़कियां पुलिस में जाने का साहस भी नहीं जुटा पातीं.

एनएचआरसी 24 लागों के बयान के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंची है. कैराना छोड़कर जा चुके कुछ लोगों ने इस तय की पुष्टि की कि लड़कियों के साथ आए दिन होने वाली छेड़खानी के कारण उन्होंने कस्बे को छोड़ा.

मुजफ्फनगर दंगों के बाद कैराना में मुसलमान बहुसंख्यक हो गए हैं

आयोग ने अपनी जांच में यह भी पाया कि 2013 के मुजफ्फरनगर के दंगों के बाद लगभग 25-30 हजार मुसलमान मुजफ्फरनगर से कैराना आ गए. इससे जनसंख्या का संतुलन बिगड़ गया. वह बहुसंख्यक हो गए.

आयोग ने गवाहों के हवाले से कहा है कि 2013 की पुनर्वास नीति से सामाजिक स्थिति स्थाई रूप से बदल गई. जिससे कानून अर व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई. अधिसंख्य लोगों का कहना था कि बढ़ते अपराध तथा कानून-व्यवस्था की लचर स्थिति के कारण उनके परिवारों को कैराना छोड़ना पड़ा.

आयोग ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना और शामली जिलों से एक समुदाय के लोगों के पलायन के बारे में संबंधित दस्तावेंजों और अपने जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार से कुछ सिफारिशें की हैं. आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से इन सिफारिशों पर कार्रवाई रिपोर्ट 8 सप्ताह में जारी करने को कहा है.

 

समयलाइव डेस्क


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