मुलायम के गढ़ में मायावती ने साधा सपा, भाजपा पर निशाना

Last Updated 28 Aug 2016 05:31:31 PM IST

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बसपा मुखिया मायावती ने आशंका जतायी है कि भाजपा और केन्द्र सरकार अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए कश्मीर एवं आतंकवाद के मुद्दे पर युद्ध में जा सकती है.


बसपा मुखिया मायावती (फाइल)
    
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में पार्टी की ओर से आयोजित ‘सर्वजन हिताय’ रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने सपा-भाजपा पर एक साथ निशाना साधा और दोनों में साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावी लाभ के लिए वे प्रदेश में दंगे भी करवा सकते हैं.
    
केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग सरकार को पूंजीपति परस्त और गरीब एवं दलित विरोधी करार देते हुए बसपा मुखिया ने कहा, ‘‘भाजपा और केन्द्र सरकार अपनी कमियों से ध्यान हटाने के लिए कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर युद्ध (पाकिस्तान के साथ) में जा सकती है.’’
    
चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने कहा, ‘‘दोनों (केन्द्र और प्रदेश) सरकारों ने लोगों को धोखा दिया है.. दोनों दल आपस में मिले हुए हैं और विधानसभा चुनाव से पहले हिन्दू मुस्लिम दंगे करवा सकते हैं. लेकिन अब लोगों को यह बात समझ में आने लगी है.’’
    
उन्होंने भाजपा को दलित विरोधी बताया और सपा पर गुण्डों माफिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि बसपा सत्ता में वापस आने के बाद पुन: काननू का राज कायम करेगी... आपराधिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटवाये जायेंगे.
    
बसपा मुखिया ने स्वामी प्रसाद मौर्य, आरके चौधरी और बृजेश पाठक जैसे नेताओं के पार्टी छोड़ कर जाने की घटना को मामूली बताने की कोशिश में कहा, ‘‘हमारे विरोधी, खास कर भाजपा, हमारे रिजेक्टेड माल को अपनी पार्टी में भर रहे हैं... क्योंकि उनके पास चुनाव लड़ने लायक उम्मीदवारों की कमी है.’’
    
पार्टी छोड़ने वाले नेताओं द्वारा टिकट बेचने के आरोप पर मायावती ने कहा, ‘‘एक तरफ कहते हैं कि बसपा समाप्त हो रही है, दूसरी तरफ कहते है कि बसपा टिकट बेच रही है. यदि हमारी पार्टी कमजोर हो रही है तो लोग टिकट खरीदने में रूचि क्यों ले रहे है.. यह सारे आरोप गलत हैं और पार्टी की छवि बिगाड़ने की नीयत से लगाये गए हैं.’’
    
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अच्छे दिन के वादे दो साल में बुरे दिन में बदल गये हैं. केन्द्र सरकार अमीरों के पक्ष में काम कर रही है और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तथा इससे जुड़े सांप्रदायिक संगठनों को मजबूत कर रही है.
    
उन्होंने ललितगेट काण्ड, विजय माल्या प्रकरण और मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा में भ्रष्टाचार की जड़ें कांग्रेस से गहरी हैं.
    
मोदी सरकार पर दलितों और पिछड़े वर्गों को मिलने वाला आरक्षण खत्म करने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि बार-बार आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की बात इसी मकसद से उठायी जाती है और सरकारी विभागों का काम निजी संस्थाओं से कराया जाता है, जिनमें आरक्षण की व्यवस्था नहीं है.
    
उन्होंने गुजरात के ऊना काण्ड और हैदराबाद में रोहित वेमुला आत्महत्या काण्ड जैसी घटनाओं के उल्लेख करते हुए भाजपा और केन्द्र सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया.
    
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा भी बौद्ध धर्म यात्रा निकालने और दलितों के घर भोजन करने का नाटक कर रही है, जैसा कांग्रेस करती रही है.’’
    
मायावती ने कांग्रेस को निशाने पर लिया और सवर्ण जाति के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने की उसकी मांग का मजाक बनाते हुए कहा, ‘‘54 साल केन्द्र की सत्ता में रहे तब इसकी याद नहीं आयी.. हम पहले ही यह मांग करते रहे हैं.’’
    
मुख्यमंत्री रहते उत्तर प्रदेश को चार छोटे राज्यों में विभाजित करने के लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित करवा चुकी मायावती ने एक बार पुन: पूर्वाचल राज्य के गठन की मांग उठायी, जो इस अंचल में अक्सर उठती रही है.
    
गौरतलब है कि आजमगढ मंडल की दस विधानसभा सीटों में से अधिकांश पर सपा का कब्जा है, मगर इस क्षेत्र में दलितों और मुसलमानों की अच्छी आबादी पर नजर लगाये बसपा यहां अपनी पैठ जमाना चाहती है.
 
 



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