बसपा में फिर विद्रोह: दो विधायकों ने लगाये मायावती पर आरोप

Last Updated 27 Jul 2016 06:07:40 PM IST

बहुजन समाज पार्टी के दो विधायकों ने बगावत का झण्डा उठाते हुए बसपा मुखिया मायावती पर चुनाव के टिकट के लिये मोटी रकम उगाहने का आरोप लगाया.


बसपा मुखिया मायावती
 
     
पलिया से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक हरविंदर कुमार साहनी उर्फ रोमी साहनी और मल्लावां से पार्टी विधायक बृजेश वर्मा ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि मायावती मोटी रकम लेकर चुनाव के टिकट बेच रही हैं. इससे पार्टी की बदनामी हो रही है. मायावती की यह उगाही बहुजन समाज के आदर्शों भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम के सिद्धांतों के खिलाफ है.
     
उन्होंने दावा किया कि गत छह जुलाई को उन्हें मायावती के आवास पर बुलाया गया था और पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा मुखिया की मौजूदगी में उनसे पलिया और मल्लावां सीटों के टिकट के लिये क्रमश: पांच और चार करोड़ रुपये मांगे थे.
     
साहनी और वर्मा ने यह भी कहा कि उन्हें यह चेतावनी दी गयी थी कि अगर उन्होंने वह रकम जमा नहीं की तो उनके टिकट काटकर किसी दूसरे को दे दिये जाएंगे.
     
उन्होंने कहा कि सबसे ऊंची बोली लगाने वालों को टिकट दिये जाने का चलन बेहद दुखद है. धन उगाही का यह खेल पार्टी समन्वयकों के जरिये खेला जा रहा है.
     
बसपा के वरिष्ठ नेताओं स्वामी प्रसाद मौर्य, आरके चौधरी और रवीन्द्र नाथ त्रिपाठी द्वारा हाल में बसपा छोड़े जाने के बाद पार्टी में यह ताजा बगावत हुई है.
     
साहनी और वर्मा ने बताया कि पार्टी के निष्कासित नेता जुगुल किशोर से सम्पर्क रखने के आरोप में उन्हें हाल में बसपा से निष्कासित कर दिया गया था लेकिन चार दिन बाद उन्हें एक कागज पर दस्तखत करवाकर पार्टी में वापस लिया गया था.
     
साहनी और वर्मा ने कहा कि उन्होंने हाल में सम्पन्न राज्यसभा तथा प्रदेश विधान परिषद के चुनाव में क्रास वोटिंग नहीं की थी.
     
दोनों विधायकों ने भाजपा के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह द्वारा मायावती पर अभद्र टिप्पणी की कड़ी निन्दा करने के साथ-साथ इसके विरोध में हुए बसपा के प्रदर्शन के दौरान सिंह के परिवार की महिलाओं के प्रति अशोभनीय टिप्पणी को भी गलत ठहराया.
     
इस बीच, बसपा ने कहा कि साहनी और वर्मा को अनुशासनहीनता के आरोप में हाल में निष्कासित किया गया था और लिखित माफी मांगने के बाद उन्हें वापस ले लिया गया था.
     
बसपा एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि दोनों विधायकों से उसी वक्त कह दिया गया था कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया जाएगा. वे पार्टी पर जो भी आरोप लगा रहे हैं, वे गलत हैं.
 
 
 



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