गौतमबुद्ध नगर के तीन प्राधिकरणों के चेयरमैन रमारमण त्रिपाठी को पद से हटाने का आदेश

Last Updated 01 Jul 2016 06:51:00 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीईओ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथारिटी रमारमण त्रिपाठी के लंबे समय से इस पद पर बने रहने का कारण पूछते हुए कामकाज पर रोक लगा दी है.


(फाइल फोटो)

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि आखिर रमारमण छह वर्ष से इन पदों पर कैसे बने हुए हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने अखिल भारतीय मानव सेवा समाज की याचिका पर दिया है.

\"\"याचिका में इन तीनों पदों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पद रमारमण की नियुक्ति को चुनौती दी गई है. इससे पहले जितेंद्र कुमार नामक एक व्यक्ति ने भी नोएडा में लंबे समय से एक ही पदों पर जमे अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच कराने के लिए याचिका दायर की थी.

हाईकोर्ट दोनों याचिकाओं की सुनवाई एक साथ कर रही है.

इसके साथ ही कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को आदेश दिया है कि त्रिपाठी के सभी अधिकार सीज करते हुए उन्हें सभी पदों से हटाया जाए. कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि दो हफ्ते के अंदर रमारमण का ट्रांसफर किया जाए.

गौरतलब है कि कोर्ट में दायर जनहित याचिका में ये सवाल किए गए थे कि सरकारें बदल गईं, बसपा के बाद सपा सरकार आ गई और सात साल बाद भी त्रिपाठी अब भी तीनों प्राधिकरणों के चेयरमैन कैसे बने हुए हैं? जबकि उन्हीं के कार्यकाल में यादव सिंह का भ्रष्टाचार मामला सामने आया. क्या कोई ऐसा अधिकारी नहीं जो रमारमण की जगह ले सके.



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