रायबरेली : इसाई मिशनरियों की करतूतों से फिर चर्चा में आया धर्मातरण का मुद्दा, सैकड़ों हिरासत में

Last Updated 27 Jun 2016 10:16:20 AM IST

रायबरेली में मिशनरी द्वारा गांव के गरीब व अशिक्षित लोगों में लालच देकर धर्मातरण कराने का मामला पकड़ा गया है.


(फाइल फोटो)

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र इसाई मिशनरियों की करतूतों के कारण एक बार फिर चर्चा में आया है. रायबरेली में मिशनरी द्वारा गांव के गरीब व अशिक्षित लोगों में लालच देकर धर्मातरण कराने का मामला पकड़ा गया है.

पुलिस ने मौके से सैकड़ों की संख्या में महिलाओं व पुरुषों को हिरासत में लिया है. कोतवाली क्षेत्र के सुदूर ग्रामीण अंचल में स्थित गांव जमालपुर माफी मजरे सवैया राजे के पास सुनसान स्थान पर एक हालनुमा भवन में यह काम हो रहा था.

इस भवन में हर रविवार प्रार्थना सभा आयोजित की जाती थी जिसमें दूरदराज से बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष आते थे और उनको ईशू के प्रति भ्रम पैदा करके हिन्दू देवी देवताओं के प्रति नफरत पैदा की जाती रही है.

इस मामले की भनक संघ व भाजपा से जुड़े लोगों को हुई तो रविवार को संघ के लोग वहां पहुंच गए. उस समय भवन के अंदर कार्यक्रम चल रहा था. संघ नेताओं ने वहां पहुंचकर भवन में बाहर से ताला बंद कर लिया और सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भवन को घेर लिया.

अंदर भी कार्यक्रम में शिरकत कर रहे सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष बंधक हो गए. मामले की सूचना पुलिस को दी गयी. मौके पर कोतवाल जीडी शुक्ल व तहसीलदार मदन मोहन वर्मा भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे उसके बाद भवन का ताला खोलकर एक-एक करके सभी को बाहर निकाला गया.

भवन के अंदर मिशनरी का साहित्य व प्रार्थना वाद्य यंत्र भी बरामद हुआ है. सभी लोगों को कोतवाली लाया गया जिसके बाद महिलाओं को रिहा कर दिया गया जबकि इस कार्यक्रम के अगुवा रहे लोगों तथा कुछ महिलाओं को हिरासत में रखा गया है.

ऊंचाहार में धर्मांतरण का पहले भी मामला पकड़ा जा चुका है. गत वर्ष पंद्रह अगस्त को ऊंचाहार नगर के पास एक भवन में धर्मातरण का काम चल रहा था. यहां पर पुलिस ने छापा मारा और सैकड़ों की संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया था.

लेकिन बाद में साक्ष्यों के अभाव में कोई कार्यवाही नहीं हुई और सब को छोड़ दिया गया था. उस समय भाजपा नेता अजय अग्रवाल ने थाने पहुंचकर मामले की जांच कराने की मांग की थी.

प्रमुख सूत्रधारों के नाम उजागर हुए जिनमें ऊंचाहार नगर के व्यवसायी अमन जायसवाल, एनटीपीसी की मल्लिका सिंह, लक्ष्मी, निवासी कलवारन टोला ऊंचाहार, पुष्पा देवी पत्नी विक्रम निवासिनी पूरे बरइन ऊंचाहार, शांती पत्नी देशराज निवासिनी एनटीपीसी ऊंचाहार, शिखा पुत्री राम शंकर निवासी बाबूगंज इस काम की प्रमुख सूत्रधार हैं.

 

इससे पहले अगस्त में शांती का पति देशराज पकड़कर थाने लाया गया था परन्तु साक्ष्यों के अभाव में छोड़ दिया गया था. जिसके चलते इनका मनोबल बढ़ता जा रहा था. पूछताछ के दौरान शांति पत्नी देशराज ने कार्यक्रम की डीएम द्वारा परमीशन होने की बात कही गई थी जबकि पुलिस द्वारा परमीशन मांगने पर पेश नहीं कर पाई.

बीमारी ठीक करने के नाम पर कारनामा-ईसाई प्रार्थना सभा में पकड़ी गयी महिलाओं का कहना है कि विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त लोगों को उनकी बीमारी ठीक करने के नाम पर प्रार्थना सभा में बुलाया जाता था और वहां पर उनका मानसिक परिवर्तन किया जाता था और फिर धीरे-धीरे उनमे अपने देवी देवताओं के प्रति नफरत पैदा की जाती थी.

खोजनपुर गांव की कुसुमा पत्नी संतोष कुमार का कहना है कि उन्हे बीमारी के इलाज के लिए बुलाया गया था. उमरन की रजदेई, जमालपुर गांव की ज्ञानमति और गोकना गांव की आशा का कहना है कि उन्हें भी बीमारी ठीक करने के लिए बुलाया गया था.

सूत्रों के मुताबिक बीमारी ठीक करने के लिए मिशन के लोग प्रसाद में दवाइयां मिलाकर देते हैं, जिससे उनके दर्द आदि में आराम मिल जाता है और भोली-भाली जनता को बेवकूफ बनाकर उन्हें इसी के बल पर धर्म परिवर्तन के लिए राजी कर लेते हैं तथा हिन्दू देवी-देवताओं के नाम पर भड़काते हैं.

क्षेत्र के गांव छतौना मरियानी निवासी नरेंद्र यादव ने कोतवाली में धर्मांतरण की तहरीर दी है. उनका कहना है कि रविवार को ऊंचाहार के अमन जायसवाल ने प्रार्थना सभा में बुलाया था जहां पर पहुंचने के बाद उन्हें रुपयों का लालच दिया गया और कहा गया कि धर्मातरण कर लो.

यहां पर मल्लिका सिंह, एनटीपीसी की नर्स लक्ष्मी, शिखा सहित दर्जनों लोग ईशू का उपदेश दे रहे थे. कोतवाल जीडी शुक्ल ने बताया कि मामले में जांच चल रही है. उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला लाया गया है. अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी.



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