अखिलेश मंत्रिमंडल विस्तार सोमवार को, कई मंत्री लेंगे शपथ
अखिलेश यादव मंत्रिमंडल का विस्तार सोमवार को होना नियत किया गया है.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो) |
इस विस्तार में 21 जून को बर्खास्त किये गये माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव, जहां दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होंगे, वहीं कई युवाओं को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की संभावना है. अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट, दस राज्य (स्वतंत्र प्रभार) और 22 राज्यमंत्री हैं.
मुख्यमंत्री को लेकर प्रदेश मंत्रिमंडल में कुल 60 मंत्री शामिल हो सकते हैं. इस प्रकार चार और लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है. राजभवन में नये मंत्रियों को सोमवार को 11 बजे शपथ दिलायी जाएगी. इससे पहले 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर पांच कैबिनेट मंत्री, आठ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और आठ को राज्यमंत्री के रुप में मंत्रिमंडल में शामिल किया था.
यह माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के 2017 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर इस विस्तार में जातीय समीकरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा. मंत्रिमंडल में चार नये लोगों को जगह मिल सकती है. जिन लोगों को नये मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, उसमें पूर्व माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव, बलिया से अम्बिका चौधरी, मुख्यमंत्री के नजदीकी समझे जाने वाले सुनील सिंह साजन, आनन्द भदौरिया तथा आशु मलिक के अलावा शारदा शुक्ला व रविदास मेहरोत्रा का भी नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहा है. हालांकि इसी वर्ष हुए जिला पंचायत चुनाव के दौरान सुनील सिंह साजन और आनन्द भदौरिया को पार्टी से निलम्बित कर दिया गया था.
सोमवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में एक संभावना यह भी जतायी जा रही है कि कुछ मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल हो सकता है. जिन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल की संभावना जतायी जा रही है, उसमें बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन को जहां दोबारा स्वास्थ्य विभाग मिल सकता है, वहीं बलराम यादव को भी माध्यमिक शिक्षा विभाग के अलावा कोई दूसरा विभाग दिया जा सकता है.
इसी क्रम में यह भी संज्ञान में आया है कि खराब परफारमेंस वाले कुछ कैबिनेट व राज्य मंत्रियों को विभाग से छुट्टी दी जा सकती है. बताया जा रहा है कि खराब परफारमेंस वाले ऐसे मंत्रियों को लेकर मुख्यमंत्री भी लम्बे समय से द्वन्द में हैं. इसलिए ऐसे मंत्रियों को सोमवार को हटाया भी जा सकता है.
सपा सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में युवाओं को तरजीह दी जा सकती है. कुछ मंत्रियों की छुट्टी होने की भी अटकलें हैं. अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए अखिलेश यादव मंत्रिमंडल का यह आखिरी विस्तार माना जा रहा है. इसमें जातीय समीकरण का विशेष ध्यान रखे जाने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दोनों के निलम्बन से काफी नाखुश हुए थे.
Tweet |