लखनऊ : ग्राम रोजगार सेवकों ने काटा बवाल, सैकड़ों गिरफ्तार
कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ बृहस्पतिवार को हुई वार्ता पूरी तरह से विफल हो जाने के बाद ग्राम रोजगार सेवकों ने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है.
(फाइल फोटो) |
लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर के हस्तक्षेप पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे ग्राम रोजगार सेवक (पंचायत मित्र) वेलफेयर एसोसिएशन (उप्र) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में शाम करीब साढ़े छह बजे छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीण कुमार से वार्ता के लिए रमाबाई अम्बेडकर मैदान से सचिवालय लाया गया.
करीब आधा घंटे तक चली वार्ता पूरी तरह से विफल रही. बाद में एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश इनके जत्थों को शहर में घुसते देख जिला व पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे. खुद जिलाधिकारी व एसएसपी को भी लक्ष्मण मेला मैदान पर जाकर हंगामा मचा रहे पंचायत मित्रों को समझाने-बुझाने पहुंचे.
दोनों अफसरों के तमाम प्रयास के बाद भी जब पंचायत मित्र नहीं माने तो उन्हें गिरफ्तार करने का सिलसिला शुरू कर दिया. आंदोलनकारियों को जबरन बसों में भरकर आशियाना स्थित रमाबाई अम्बेडकर मैदान भेजने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह दोपहर तक चलता रहा.
इसी बीच चरबाग रेलवे स्टेशन व बस अड्डा के साथ ही शहर को जोड़ने वाले अन्य मागरे से राजधानी में प्रवेश कर रहे पंचायत मित्रों को भी गिरफ्तार कर रमाबाई अम्बेडकर मैदान भेज दिया गया.
जहां आंदोलनकारियों ने दिनभर धरना-प्रदर्शन जारी रखा. संगठन के प्रांतीय महामंत्री राजबीर सिंह व उपाध्यक्ष आदित्य सिंह चौहान ने दावा किया कि अकेले राजधानी में ही 15 हजार से अधिक ग्राम रोजगार सेवकों को गिरफ्तार किया गया.
प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बताया कि गाजीपुर, हरदोई, कानपुर, बदायूं, वाराणसी, फतेहपुर, इलाहाबाद व प्रतापगढ़ सहित बुलेंदखंड के अन्य जिलों से भी राजधानी की ओर कूच करने वाले पंचायत मित्रों को शासन के निर्देश पर जगह-जगह रोककर गिरफ्तार कर लिया गया.
हालांकि देर शाम तक इनमें से कइयों को रिहा कर दिये जाने की खबर है. यही नहीं जिन बसों से पंचायत मित्र राजधानी लखनऊ आ रहे थे, उनका भी रास्ते में रोककर चालान करने का दावा आंदोलनकारी संगठन के नेताओं ने किया है.
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