कौएद का विलय सपा का अंदरूनी मामला, इसे लेकर कोई नाराजगी नहीं: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की मौजूदगी वाले कौमी एकता दल (कौएद) के समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय को लेकर पार्टी में मतभेद की खबरों को खारिज किया.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो) |
उन्होंने गुरुवार को स्पष्ट किया कि यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है और इसे लेकर सपा में कोई नाराजगी नहीं है.
मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा ‘‘कौमी एकता दल के विलय को लेकर कहीं कोई नाराजगी नहीं है. मीडिया को बस बहस का मौका मिलना चाहिये. यह हमारी पार्टी के अंदर की बात है और पार्टी जो फैसला करेगी, मैं समझता हूं कि उसे सब मानेंगे. विलय का निर्णय हमारी पार्टी का अपना निर्णय है.’’
मालूम हो कि कौएद के सपा में विलय के फौरन बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वरिष्ठ काबीना मंत्री बलराम यादव को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त कर दिया था. माना जा रहा था कि माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल की अगुवाई वाली पार्टी के सपा में विलय में भूमिका निभाने की वजह से मुख्यमंत्री ने नाराज होकर यह कार्रवाई की थी. कौएद के सपा में विलय को लेकर पार्टी के भीतर गहरे मतभेदों की खबरों के बीच बुधवार को वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने भी कहा था कि पार्टी में सबकुछ ठीक है.
अखिलेश ने बुधवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से बगावत करने वाले पार्टी महासचिव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या की तारीफ करते हुए उन्हें मजबूत नेता बताया.
उन्होंने कहा ‘‘यह अच्छी बात है कि मौर्य जी ने बसपा छोड़ दी. अब वह कहां जाएंगे... लेकिन कम से कम मौर्या जी एक मजबूत नेता हैं. हमारे और उनके कितने अच्छे सम्बन्ध हैं यह तो आप जानते ही हैं. हमने सदन में सभी विधायकों के सामने कहा था कि मौर्या जी अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन गलत दल में है. वह बात अब साफ हो गयी है.’’
Tweet |