टैल्गो ट्रायल में देसी इंजन के पीछे दौड़े विदेशी कोच

Last Updated 29 May 2016 12:07:09 PM IST

भारत ने ‘बुलेट ट्रेन’ का सपना साकार करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए स्पेन की टेलगो कंपनी के रेल कोच का इज्जतनगर-भोजीपुरा स्टेशन के बीच सफल ट्रायल पूरा कर लिया.


(फाइल फोटो)

यह ट्रायल रविवार सुबह करीब नौ बजे बरेली-मुरादाबाद रेलखंड पर किया गया. ट्रेन को 80 से 115 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ाकर देखा गया.

नौ कोचों वाली इस ट्रेन में एक पावर कार, एक डायनिंग कार और अन्य सवारी कोच हैं. भारतीय कोचों की अपेक्षा टेलगो के कोच काफी हल्के हैं. एक कोच का वजन बीस टन है, जबकि भारतीय ट्रेन के कोच का वजन 40 टन होता है.

गति परीक्षण के दौरान ट्रेन के कोचों में हर सीट पर आदमी की जगह 50-50 किलो की रेत भरी बोरियां रखवाई गई. सुबह करीब नौ बजे भारतीय इंजन टेलगो के कोच को लेकर मुरादाबाद के लिए रवाना हुआ.

ट्रायल के दौरान टेलगो में आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन) की टीम, स्पेनिश टीम, भारतीय रीजन के टेलगो ट्रेन डायरेक्टर मौजूद रहे. इसके अलावा आरपीएफ की टीम भी मौजूद रही.

ट्रायल से पहले शनिवार को इज्जतनगर कारखाने में पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम राजीव मिश्र और सीएमई ने स्पेनिश और आरडीएसओ टीम के साथ बैठक की. इस दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से टेलगो कोचों की खासियत को देखा और समझा गया.

टेलगो कोच का स्पीड ट्रायल बरेली-मुरादाबाद के बीच 12 जून तक चलेगा. इसके बाद मथुरा-पलवल ट्रैक पर 180 किलोमीटर और दिल्ली-मुंबई के बीच 200 से 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से स्पीड ट्रायल किया जाएगा.

टेलगो कंपनी ने इस सुपर लग्जरी हाईस्पीड कोच का 30 साल से निर्माण कर रही है. तजिकिस्तान समेत 12 देशों में इसका सफल संचालन हो रहा है.

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि टेलगो कंपनी की सुपर लग्जरी ट्रेन के कोच का ट्रायल भारतीय पटरी पर हुआ. टैल्गो कोच में कई सेंसर लगे हैं. इन सेंसर में कोई कमी तो नहीं, यह देखने के लिए ही रेलवे बोर्ड के मैकेनिकल इंजीनियर हेमंत कुमार ने सेंसर ट्रायल को निर्देश दिए थे. ट्रायल के सफल होने के बद कंपनी नये कोच भेजेगी.



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