उत्तर प्रदेश: सिपाही भर्ती के परिणाम पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग में 34 हजार कांस्टेबलों की भर्ती के मामले में चयन परिणाम घोषित होने पर रोक लगा दी है.
(फाइल फोटो) |
बिना लिखित परीक्षा कराये मात्र शैक्षणिक मेरिट और शारीरिक परीक्षा के आधार पर करायी जा रही भर्ती को रणविजय सिंह और विवेकानंद यादव सहित कई लोगों ने चुनौती दी है.
याचिका पर न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीके मिश्र की खण्डपीठ सुनवाई कर रही है.
याची के अधिवक्ता के अनुसार नागरिक पुलिस में करीब 34 हजार महिला और पुरुष आरक्षियों की भर्ती के लिए दो दिसम्बर 2015 को विज्ञापन जारी किया गया था. प्रदेश सरकार ने इसके बाद नियमावली में बदलाव करते हुए पूर्व की चयन प्रक्रिया का अतिक्रमण करके नयी चयन प्रक्रिया लागू कर दी.
याची अधिवक्ता का कहना था कि विज्ञापन जारी होने के बाद नियमावली में बदलाव किया गया, यह गलत तरीका है. विज्ञापन जारी होने के बाद प्रक्रिया प्रारंभ मानी जाती है. इसके बीच में नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि विभाग चाहे तो चयन प्रक्रिया जारी रख सकता है. मगर इसका परिणाम अदालत के आदेश के बिना जारी न किया जाए.
उल्लेखनीय है कि याचिका में कहा गया है कि लिखित परीक्षा समाप्त करने से योग्य अभ्यर्थियों को चयन का अवसर नहीं मिल सकेगा.
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