एटीएस ने लखनऊ में सात लाख के जाली नोट पकडे
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की टीम ने चारबाग रेलवे स्टेशन से जाली नोटों का धंधा करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर उसके पास से सात लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए.
एटीएस ने लखनऊ में सात लाख के जाली नोट पकडे (फाइल फोटो) |
एटीएस सूत्रों ने गुरुवार को लखनऊ में बताया कि लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर उच्चाधिकारी विश्रामालय के पास से कल शाम जाली नोटों का धंधा करने वाले पूर्वी चम्पारन बिहार निवासी निजामुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया. उसके पास से सात लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए गये.
उन्होंने बताया कि बरामद नोटों में एक-एक हजार रुपये के 500 नोट और 500-500 रुपये के 400 जाली नोट यानि की कुल सात लाख जाली भारतीय मुद्रा बरामद की गयी.
पूछताछ में पकडे गये निजामुद्दीन अंसारी ने बताया कि नेपाल से जाली नोटों के बड़े सप्लायरों से कालका जी दिल्ली निवासी मनोज गुप्ता को लखनऊ जीआरपी ने इसी साल जनवरी में जाली नोंटों के साथ गिरफ्तार किया था. वह वर्ष 2009 से अब तक बडी संख्या में जाली भारतीय मुद्रा की सप्लाई कर चुका है.
उसने बताया कि वह वर्ष 1994 में बानेर काठमाण्डू में एक कंपनी में सुपरवाइजर हो गया था और वर्ष 2001 तक वही पर कार्य किया गया. वर्ष 2001 से वर्ष 2009 तक ओखला बिहार दिल्ली में टेलर का कार्य. इसके बाद उसका सम्पर्क वसंत निवासी जीन्द हरियाणा, अरशद निवासी मुजफ्फरपुर बिहार से हो गया था.
इन लोगों के माध्यम से ही निजामुद्दीन का सम्पर्क मनोज गुप्ता से हो गय था. वर्ष 2010 में पहली बार 40 के बदले 100 रुपये जाली भारतीय नोट की 50,000- रुपये सप्लाई किया. वर्ष 2010 में लगभग 10 से 15 लाख की जाली भारतीय नोट रमेश से लेकर मनोज गुप्ता को दिया गया.
मनोज गुप्ता के जनवरी में लखनऊ में पकड़े जाने के पश्चात बरामद जाली नोट उसकी पत्नी को सप्लाई करने चारबाग रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर दिल्ली जाने वाला था. गिरफ्तार अंसारी से नेपाल, बिहार एवं दिल्ली के जाली भारतीय नोटों के नेटवर्क के सदस्यों के सम्बन्ध में काफी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्ति हुई है. एटीएस उन लोगों की तलाश कर रही है.
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