उत्तर प्रदेश में अच्छे संस्कार व अनुशासन बचपन से ही सीखें : नाईक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक कहा कि बचपन से ही बच्चे अच्छे संस्कार और अनुशासन सीखें और स्वयं में अच्छे गुणों का समावेश करें.
(फाइल फोटो) |
नाईक बृहस्पतिवार को राजभवन में उनसे भेंट करने आये दिव्यांग, निराश्रित एवं मलिन बस्ती के बच्चों को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि समाज में बच्चों का बहुत महत्व है.
निराश्रित एवं निर्बल वर्ग के बच्चों को केवल खाना, कपड़ा ही नहीं शिक्षा से आगे बढ़ायें. ऐसे बच्चों को उचित संरक्षण की जरूरत होती है. राज्यपाल ने बच्चों से कहा कि पढ़ाई को प्राथमिकता दें तथा नियमित रूप से स्कूल जायें. शिक्षा ग्रहण करना बच्चों का मौलिक अधिकार है.
सरकार की यह जिम्मेदारी है कि यह सुनिश्चित करे कि बच्चों को उचित शिक्षा एवं शिक्षा ग्रहण करने का उचित वातावरण मिले. मलिन बस्ती के बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि अपने जैसे बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करें तथा समाज के उपेक्षित बच्चों को भी आगे बढ़ाने का प्रयास करें. बच्चे अपने माता-पिता और घर का ध्यान रखें.
बच्चे बुरी संगत से दूर रहें. दूसरे बच्चों को भी छोटी-छोटी बातें समझायें ताकि उनमें भी अच्छे गुणों का समावेश हो. नाईक ने बच्चों को राजभवन और राज्यपाल के कार्य एवं दायित्वों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वे स्वयं छोटे गांव में जन्मे. टय़ूशन करके और अखबार बेचकर उन्होंने शिक्षा प्राप्त की. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह ने संस्था तथा सरकार द्वारा ऐसे बच्चों के लिए चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी दी.
इस मौके पर सिंह ने नाईक को 'एव्री लास्ट चाइल्ड' के नाम से 11 सूत्रीय बाल घोषणा पत्र-2016 सौंपा. राज्यपाल ने बच्चों को आश्वस्त किया कि वे मुख्यमंत्री से उनकी सभी जायज मांगों पर गंभीरता से विचार करने का अनुरोध करेंगे.
राज्यपाल से मिलने गये सभी बच्चे लखनऊ की लवकुश नगर बस्ती, प्रतापनगर बस्ती, शिक्षालय गोमती नगर, मानस विहार, कैलाशकुंज तकरोही, राज्य संरक्षण गृह से थे, जो आधारशिला, उम्मीद, चाईल्ड लाइन, घरौंदा, दृष्टि सामाजिक संस्थान, सेव द चिल्डेन आदि संस्थाओं से जुड़े हैं.
इस अवसर पर ब्रांड अम्बेसडर के रूप में सुश्री वर्तिका सिंह फेमिना मिस इण्डिया-2015 भी उपस्थित थी.
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