मच्छर मार अगरबत्ती का धुआं सौ सिगरेट के बराबर

Last Updated 29 Apr 2016 12:45:18 PM IST

मच्छर अगरबत्ती का धुआं सौ सिगरेट के बराबर असरकारक होता है.यह सामान्य लोगों के साथ ही अस्थमा के मरीजों के लिए ज्यादा घातक होता है.


(फाइल फोटो)

इसके अलावा डीजल व धूपबत्ती के धुएं से भी बचाव करना चाहिए. यह जानकारी मिडलैंड हास्पिटल के प्रमुख व क्रिटकल केयर विशेषज्ञ वरिष्ठ डा. वी पी सिंह ने पत्रकार वार्ता में दी.

होटल क्लार्क अवध में आयोजित पत्रकार वार्ता में केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन व रेस्परटरी विभाग के प्रमुख डा. सूर्यकांत व बाल रोग विशषेज्ञ डा. एस निरंजन भी मौजूद थे.

डा. वीपी सिंह ने बताया कि अस्पतालों से लेकर घर तक मच्छरों से बचने के लिए मच्छर अगरबत्ती (क्वायल) का प्रयोग किया जाता है. शोध में पाया गया है कि इसका धुंआ सौ सिगरेटों के धुएं के बराबर होता है. 

जो कि फेफड़ के लिए घातक होता है.

उन्होंने बताया कि डीजल का धुआं भी काफी घातक होता है. इसके कारण अस्थमा को बढ़ने व अटैक की ज्यादा रहती है. इसके साथ घरों में पूजा पाठ के दौरान धूपबत्ती जलने से धुंआ उठता है. इन सब से बचना चाहिए.

इसके अलावा कुछ पेन किलर भी नुकसानदायक हो सकती है. डा. सूर्यकांत ने बताया कि देश में लगातार अस्थमा के मरीज बढ़ रहे है. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श करके इंन्हेलर का प्रयोग करना चाहिए.

बाल रोग विशेषज्ञ डा. एस निरंजन ने बताया कि स्टेरायड के प्रयोग से डरना नहीं चाहिए. विशेषज्ञ की सलाह से प्रयोग करना चाहिए.

 



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