मुज़फ्फरनगर के श्रीलंका में कैद आठ बंधक लौटे अपने वतन

Last Updated 28 Apr 2016 01:16:14 PM IST

मुजफ्फरनगर में श्रीलंका में बंधक बनाए गए शहर कोतवाली के सुजडू निवासी आठ युवकों की रिहाई से गांव में खुशियां मनाई गईं.


श्रीलंका में बनाए गए बंधक वापस लौटे

सभी युवकों को दो माह से श्रीलंका की एक स्टील फैक्ट्री में बंधुआ मजदूर के रूप में रखा गया था. ग्रामीणों ने शहर में प्रदर्शन कर रिहाई की मांग की थी. जिला प्रशासन और विदेश मंत्रालय के सहयोग से सभी युवक रिहा होकर अपने घर लौट आए हैं.

श्रीलंका में काम के नाम पर इन्हें बंधक बनाकर रखा गया था. सात युवक गुरुवार को अपने घर मुज़फ्फरनगर पहुँचे तो गांव वालों ने बंधन मुक्त किये गए युवकों का फूल माला पहना कर स्वागत किया गया. मजदूरी के नाम पर इन लोगों को झांसा देकर श्रीलंका भेजा गया था.

जंहा इन लोगों को वहां के एक ठेकेदार द्वारा कई दिनों से बंधक बनकर रखा गया था. पीड़ित परिजनों द्वारा पुलिस में शिकायत करने पर गुरुवार को ये लोग अपने देश लौट आये है.
 
सूजडू के सात और बिजनौर के एक युवक को लगभग तीन महीने पहले एक एजेंट द्वारा अच्छी नौकरी के सपने दिखाकर विदेश भेजने के नाम पर एक लाख पचास हज़ार रूपये लेकर श्रीलंका में भेज दिया था.
 
युवकों को वहां पर एक फैक्टरी में मज़दूरों की तरह बंधक बनाकर काम कराया जा रहा था. एक युवक के द्वारा अपने घर फोन कर इस बाबत जानकारी दी गई.
 
जिस पर युवक जाहिद, वाज़िद, इनामुल, हसीन, विष्णु कुमार शाहआलम, अख्तर के परिजनों ने पुलिस के आधिकारियों को मामले की जानकारी दी. पुलिस प्रशासन ने मामलें को गम्भीरता से लेते एजेंट आसिफ के खिलाफ सगीन धाराओ में मुकदमा दर्ज कर युवको को बंधक मुक्त करने के प्रयास शुरू किये गए.
 
जिसके चलते केंद्र सरकार और जिला प्रशासन की मेहनत रंग लाई. गुरुवार को सभी आठ युवकों के वापिस आने पर उनका फूल मालायें पहनाकर स्वागत किया गया.
 
युवकों के घर वापस लौटने पर युवकों के परिजनों की ख़ुशी का ठिकाना नही रहा. श्रीलंका से लौटे अख्तर ने बताया है की हम वंहा काम के सिलसिले से गए थे. वंहा जाकर जब हम काम करने लगे तो हमें समय पर खाना नहीं मिल रहा था.
 

 जब हम पैसे मांगते तो बोलते थे की एजेंट को पैसा दिया हुआ है. अगर तुम्हें अपने घर जाना है तो चले जाओ. हमें आसिफ ने श्रीलंका भेजा था. हम सात लोग गए थे. वहां के मालिक ने आसिफ को वीजा और हमारी सैलरी के पैसे पहले ही दिए हुए थे. वंहा हमारे से जबरदस्ती काम कराया गया बोलते थे की हमारा पैसा उतारो काम कर के जब जाओगे.

हमने उनसे कहा की हम तो भाई डेड-डेड लाख रूपये देकर आये है. हमारे तो अकील रना जी ने टिकट कराये थे उनका एक आदमी भी हमारे साथ गया था.
 
हम अपने वतन आकर बहुत खुश है. वही इस मामले में सीओ सिटी तेजबीर सिंह ने बताया है की ये प्रकरण जैसे ही हमारे संज्ञान में आया था हमने तत्काल जिन लोगों ने इन्हें यंहा से भेजा था. उनके विरुद्ध कार्यवाही की गयी थी.
 
उन्हें निर्देशित भी किया गया था की इन लोगों को वापस लाने का प्रयास करे. साथ ही उच्च अधिकारियों के द्वारा वंहा एक मेसेज भी भिजवाया था की ये लोग वंहा फंसे हुए है इनको वापस बुलाया जाये.
 
उन्ही सब प्रयासों से से ये सभी वापस लौट आये है. जिन लोगों ने इन्हें वंहा भेजा था उनके खिलाफ अवश्य कार्यवाही की जाएगी. 
 

 

 



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