यूपी विस की 3 सीटों पर हुआ 50 फीसदी मतदान

Last Updated 14 Feb 2016 05:27:07 AM IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा की तीन रिक्त सीटों के उपचुनाव के लिए शनिवार को कडी सुरक्षा के बीच करीब 50 फीसदी वोटिंग हुई.


उप्र विस की तीन सीटों पर हुआ 50 फीसदी मतदान

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण सिंघल ने आज शाम यहां यूनीवार्ता को बताया कि सहारनपुर की देवबन्द, फैजाबाद की बीकापुर और मुजफ्फरनगर सदर सीटों के लिए मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ.

उन्होंने बताया कि सुबह कुछ जगह ईवीएम में खराबी की शिकायत मिली थी, जिन्हें तत्काल बदल दिया गया. एक-दो जगह से वोटरों द्वारा उपचुनाव का बहिष्कार किये जाने की भी खबर मिली है. इस उपचुनाव के नतीजों का एलान 16 फरवरी को होगा.

प्रदेश के दो मंत्रियों चितरंजन स्वरूप और राजेन्द्र सिंह राणा के निधन की वजह से मुजफ्फरनगर सदर तथा सहारनपुर की देवबंद सीटें रिक्त हुई थी जबकि बीकापुर सीट सत्तारूढ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और तीन बार सांसद रहे मिासेन यादव के निधन के कारण रिक्त हुई थी.

उपचुनाव में इन तीनों सीटों से 10 लाख 24 हजार से ज्यादा मतदाता पंजीकृत हैं. इनमें लगभग पांच लाख 53 हजार और चार लाख 71 लाख महिला मतदाता हैं. उपचुनाव में कुल 42 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें छह महिलाएं हैं.

निष्पक्ष एवं स्वतां ढंग से मतदान संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने तीन सामान्य प्रेक्षक, तीन व्यय प्रेक्षक, चार सहायक व्यय प्रेक्षक और 157 माइक्रो प्रेक्षक तैनात किए थे. इसके अलावा 97 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 14 जोनल मजिस्ट्रेट तथा 198 स्टेटिक मजिस्ट्रेट को लगाया गया था.

चुनाव के लिए 4660 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया. इस चुनाव के लिए 971 मतदान स्थल बनाये गये. इसमें 238 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील घोषित किया गया था.

उपचुनाव में मतदान के लिए ईवीएम की 1069 कंट्रोल यूनिट तथा 1412 बैलेट यूनिट का इस्तेमाल किया गया. मतदान के दौरान सुरक्षा के लिए 18 कंपनी सीएपीएफ की तैनाती की गई.

सूबे में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के कब्जे वाली इन तीनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और रालोद प्रत्याशियों के बीच कांटे का संघर्ष हो रहा है. बहुजन समाज पार्टी द्वारा इस उपचुनाव में भी अपने उम्मीदवार नहीं उतारने से इन तीनों सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला हो रहा है.

इस उपचुनाव में आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन एआईएमआईएम के अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी ने बीकापुर सीट से एक दलित उम्मीदवार प्रदीप कोरी को मैदान में उतारा है.

सूबे में अपनी सियासी जड जमाने की कोशिश में जुटे श्री ओवैसी अलग अलग वजह से सभा करने की अनुमति नहीं मिलने पर भी पिछले तीन साल में 30-35 बैठकें कर चुके हैं.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद)ने इस उपचुनाव में जनता दल (यू) के समर्थन से अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की देवबंद और मुजफ्फरनगर सीटों तथा पूर्वांचल की बीकापुर सीट पर कांग्रेस ने भी अपने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के सहयोगी रालोद के उम्मीदवारों के खिलाफ कांग्रेस द्वारा मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतार देने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इन उपचुनावों के नतीजों से अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव परिणामों का संकेत मिलने का अनुमान है.



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