उत्तर प्रदेश विधानसभा की तीन सीटों के उपचुनाव के लिए मतदान शुरू
उत्तर प्रदेश विधानसभा की तीन रिक्त सीटों के उपचुनाव के लिए कडी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्वक मतदान चल रहा है और अपरान्ह दो बजे तक करीब 32.67 फीसदी वोटिंग हुई थी.
फाइल फोटो |
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण सिंघल ने शनिवार को बताया कि मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है और अब तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है.
उन्होंने बताया कि अपरान्ह दो बजे तीनों सीटों पर 32.67 फीसदी वोटिंग हुई थी. बीकापुर सीट पर सबसे ज्यादा 35 प्रतिशत, देवबंद में 34 फीसदी और मुजफ्फरनगर में 25 प्रतिशत मतदान हुआ था.
नतीजों का एलान 16 फरवरी को होगा. मतदान शाम पांच बजे तक होगा.
प्रदेश के दो मंत्रियों चितरंजन स्वरूप और राजेन्द्र सिंह राणा तथा सत्तारूढ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और तीन बार सांसद रहे मिासेन के निधन की वजह से रिक्त हुई मुजफ्फरनगर सहारनपुर की देवबंद और फैजाबाद की बीकापुर विधानसभा सीटों के लिए शाम पांच बजे तक वोट डाले जाएंगे.
इन तीनों सीटों के उपचनाव में 10 लाख 24 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें लगभग पांच लाख 53 हजार और चार लाख 71 लाख महिला मतदाता हैं. उपचुनाव में कुल 42 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें छह महिलाएं हैं.
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण सिंघल ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है और अब तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। नतीजों का एलान 16 फरवरी को होगा.
निष्पक्ष एवं स्वतंत्र ढंग से मतदान संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने तीन सामान्य प्रेक्षक तीन व्यय प्रेक्षक चार सहायक व्यय प्रेक्षक और 157 माइक्रो प्रेक्षक तैनात किए हैं। इसके अलावा 97 सेक्टर मजिस्ट्रेट 14 जोनल मजिस्ट्रेट तथा 198 स्टेटिक मजिस्ट्रेट को लगाया गया है.
चुनाव के लिए 4660 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है. इस चुनाव के लिए 971 मतदान स्थल बनाये गये हैं। इसमें 238 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है. उपचुनाव में मतदान के लिए ईवीएम की 1069 कंट्रोल यूनिट तथा 1412 बैलेट यूनिट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मतदान के दौरान सुरक्षा के लिए 18 कंपनी सीएपीएफ की तैनाती की गई है. सूबे में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के कब्जे वाली सहारनपुर से राज्य विधानसभा की इन तीनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस और रालाद प्रत्याशियों के बीच कांटे का संघर्ष हो रहा है. बहुजन समाज पार्टी द्वारा इस उपचुनाव में भी अपने उम्मीदवार नहीं उतारने से इन तीनों सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला हो रहा है.
इस उपचुनाव में आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन एआईएमआईएम के अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी ने बीकापुर सीट से एक दलित उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। सूबे में अपनी सियासी जड जमाने की कोशिश में जुटे श्री ओवैसी अलग अलग वजह से राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिलने पर भी पिछले तीन साल में 30 35 बैठकें कर चुके हैं.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद)ने इस उपचुनाव में जनता दल (यू )के समर्थन से अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की देवबंद और मुजफ्फरनगर सीटों तथा पूर्वांचल की बीकापुर सीट पर कांग्रेस ने भी अपने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के सहयोगी रालोद के उम्मीदवारों के खिलाफ कांग्रेस द्वारा मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतार देने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इन उपचुनावों के नतीजों से अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव परिणामों का संकेत मिलने का अनुमान है.
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