हसन अली मामले में ईडी के छह शहरों में छापे

Last Updated 10 Feb 2016 05:57:16 AM IST

कारोबारी हसन अली खान के खिलाफ कथित धनशोधन और कालेधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को छह शहरों में खान एवं अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की.


कारोबारी हसन अली खान (फाइल फोटो)

ईडी ने मुंबई, पुणे, गुड़गांव और कोलकाता सहित कई स्थानों पर छापेमारी की है. एजेंसी ने साल 2011 में खान और उसके कथित सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था.

एक ईडी अधिकारी ने बताया, हसन अली मामले में छह शहरों में नौ स्थानों पर छापेमारी की जा रही है. अधिकारी ने यह भी कहा कि छापेमारी के अभियान में करीब 30 अधिकारी शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि यह कार्रवाई अब की गई है क्योंकि एजेंसी मामले को फिर से खोलना और अतिरिक्त सबूत एकत्र करना चाहती है ताकि मुंबई की अदालत में खान के खिलाफ सुनवाई शुरू हो सके.

उन्होंने कहा कि ईडी निदेशक कर्नल सिंह ने हाल ही में इस संदर्भ में एक उच्च स्तरीय बैठक की थी जिसके बाद एजेंसी के मुंबई स्थित जोनल कार्यालय से इस अभियान के लिए कहा गया है. धन शोधन निरोधक कानून के तहत लंबे समय तक जेल में रहे खान पिछले साल अगस्त में जमानत पर रिहा हुआ था जिसके बाद वह मुंबई और पुणे स्थित अपने आवासों पर रह रहा है. इस मामले की जांच आयकर विभाग और कुछ राज्य की पुलिस इकाइयों द्वारा भी की जा रही है.

यह मामला एजेंसियों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल सरकार द्वारा अधिसूचित कालेधन संबंधी एसआईटी के कार्यक्षेत्र में खान एक व्यक्ति के तौर पर नामित होता है.खान मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा सहित कई एजेंसियों की नजर में साल 2007 में आया था. मुंबई पुलिस उसके एवं उसके सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन, आयकर चोरी और पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन के आरोपों के तहत जांच कर चुकी है.

उसके पास 50,000 करोड़ रुपए के कर की मांग करते हुए आयकर नोटिस भी भेजा गया था और यह दावा किया गया था कि विदेश में जमा काले धन का यह निजी स्तर का सबसे बड़ा मामला है. देश में किसी व्यक्ति की ओर से सबसे अधिक की कर चोरी का भी मामला है.

आयकर विभाग ने कर की मांग को बढ़ाकर 50,345.73 करोड़ रुपए कर दिया, जबकि ईडी ने विदेशी बैंकों में कथित तौर पर आठ अरब डॉलर का बेनामी धन जमा करने को लेकर धनशोधन निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया.

ईडी खान एवं अन्य के खिलाफ विदेशी मुद्रा उल्लंघन को लेकर भी जांच कर रही है. साल 2012 में वित्त मंत्रालय ने संसद की लोक लेखा समिति को सूचित किया था कि खान की ज्ञात चल एचं अचल संपत्तियों को कुर्क करने के बावजूद उससे बकाया कर वसूलना संभव नहीं है.

राजस्व विभाग ने कहा था कि मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार आयकर अपीलीय अधिकरण के समक्ष दायर अपील पर फैसला होने के बाद ही कुर्क संपत्तियों को बेचकर वसूली की जा सकती है. अधिकरण में सुनवाई चल रही है.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment