रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाशिम अंसारी अस्पताल में भर्ती

Last Updated 08 Feb 2016 03:04:56 PM IST

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सबसे उम्रदराज पक्षकार मोहम्मद हाशिम अंसारी को बीमारी की वजह से किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भर्ती किये किया गया है.


रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाशिम अंसारी अस्पताल में भर्ती (फाइल फोटो)

96 वर्षीय अंसारी को सीने में दर्द की वजह से फैजाबाद से लाकर केजीएमयू में भर्ती कराया गया था. उनकी देखभाल कर रहे डाक्टरों के मुताबिक वे अंसारी को लगाये गये स्थायी पेसमेकर की स्थिति की जांच कर रहे हैं.

उनका हीमोग्लोबिन सामान्य है. अंसारी के 2डी ईको परीक्षण का नतीजा भी सामान्य है और उनकी हालत स्थिर है. अयोध्या के मूल निवासी और पेशे से दर्जी अंसारी विवादित स्थल के मुकदमे के सबसे पुराने पक्षकार हैं. वह दिसम्बर 1949 से इस मामले से जुड़े हैं.

अंसारी को वर्ष 1954 में प्रतिबंध के बावजूद विवादित स्थल पर अजान देने के आरोप में फैजाबाद की अदालत ने दो साल की सजा सुनायी थी. वर्ष 1961 में अंसारी तथा छह अन्य लोगों ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से फैजाबाद दीवानी अदालत में दायर मुकदमे में विवादित स्थल पर मुसलमानों का दावा किया था. अंसारी उनमें से एकमात्र जीवित पक्षकार हैं.

साठ साल से केस को लड़ रहे हैं मुद्दई हाशिम अंसारी

94 वर्षीय हाशिम अंसारी का नाम 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सुर्खियों में आया लेकिन, अंसारी पिछले साठ सालों से इस केस को लड़ रहे हैं.

1921 में पैदा हुए हाशिम अंसारी  ने 1949 में पहली बार इस मामले में एक मुकदमा दर्ज करवाया था जब विवादित ढांचे के भीतर कथित रूप से मूर्तियां रखी गई थीं. उनका कहना था कि लोगों के कहने के कारण ही उन्होंने ऐसा किया था.

1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस मामले में एक केस किया तब भी हाशिम अंसारी एक और पैरोकार बने. 1975 में जब देश में इमरजेंसी लगाई गई थी तब भी हाशिम अंसारी को गिरफ्तार किया गया था और करीब 8 महीने वह जेल में रहे.

अंसारी कह चुके हैं कि उन्हें अब मौत का इंतजार है और वह चाहते हैं कि उनके जीवित रहते राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के मुद्दे का कोई फैसला हो जाए.



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