गोवा की राज्यपाल मृदला सिंहा ने कहा, मां मुझे कोख में मारना चाहती थीं

Last Updated 07 Feb 2016 01:49:15 PM IST

गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कहा कि कन्या भ्रूण हत्या कोई नई बात नहीं है. 72 साल पहले मेरी मां भी मुझे कोख में ही मारना चाहती थी.


गोवा की राज्यपाल मृदला सिंहा ने कहा, मां मुझे कोख में मारना चाहती थीं (फाइल फोटो)

उन्होंने इसके लिए दवा भी खा ली थी. इसकी जानकारी गांव की एक बूढ़ी काकी ने मेरे पिता को दी. पिता को जैसे ही इसकी जानकारी हुई, वह मां को लेकर गांव से कस्बे में आए और कमरा लेकर इलाज कराया और मेरा जन्म हुआ.

उन्होंने कहा कि पिता मुझे लेकर काफी उत्साहित रहे. उन्होंने घर वालों से लड़कर छात्रावास में रखकर मुझे मैट्रिक ही नहीं कराया बल्कि कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी कराई. मैं तो पिता के ही कंधों पर घूमती रही.

सिन्हा ने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेटियों को बचाने की बात कहते सुनती हूं तो मुझे याद आता है कि मेरे पिता ने मुझे कैसे बचाया था. मेरी मां 40 साल की उम्र में गर्भवती हो गई थी और वह मुझे जन्म नहीं देना चाहती थी.

स‌िन्हा ने कहा कि मेरे पिता ने कई पुरानी परंपराओं को तोड़ा और मुझे आत्मनिर्भर बनाने की हर संभव कोशिश की.

गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने वाराणसी में दस दिवसीय स्वदेशी मेले का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बेटी बढ़ाओ, बेटी बचाओ को आगे बढ़ाना ही स्वदेशी है क्योंकि बेटी सिर्फ बेटी नहीं है वह संस्कार है. एक बेटी के साथ लोक जीवन के सभी संस्कार चलते हैं. संस्कार और परंपरा का दूसरा नाम ही स्वदेशी है.

उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वप्निल प्रोजेक्ट ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की चर्चा करते हुए कहा कि बेटी और बेटा बराबर नहीं हैं. बेटी हमेशा बेटे से बढ़कर है. बेटी को विशेष दर्जा देना होगा. कन्या भ्रूण हत्या रोकनी होगी, तभी हम स्वदेशी के अर्थों को सही रूप में साकार कर सकते हैं. इस दौरान बेटियों की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए चार संकल्प भी दिलाए.

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि भारत स्वदेशी के मार्ग पर चलकर ही विश्व गुरु बन सकता है और हम जल्द ही इस लक्ष्य को पूरा करेंगे क्योंकि हमारे पास भारत मां हैं. कहा कि स्वदेशी हमारी मां है, सभ्यता है, संस्कृति है एवं संस्कार है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बीएचयू के कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि स्वदेशी एक भाव है, विचार है, दर्शन है, व्यवहार है. इस भाव को ही हमें चिरस्थायी करना है. विशिष्ट अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह रहे.



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