तलाकशुदा पुत्री को आश्रित कोटे में नियुक्ति पाने का हक

Last Updated 30 Nov 2015 12:23:10 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि तलाशुदा लड़की को भी मृतक आश्रित सेवा नियमावली के अन्तर्गत नियुक्ति पाने का अधिकार है.


इलाहाबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

कोर्ट ने इसके लिए राज्य सरकार को आश्रित सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन करने की संस्तुति की है. अभी तक अविवाहित व विधवा पुत्री को आश्रित कोटे में नौकरी मिल रही है.

कोर्ट ने कहा है कि तलाकशुदा लड़की को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी न देना अन्याय है. विधवा की ही तरह तलाकशुदा महिला का भी पति नहीं होता. ऐसे में वह पैतृक आवास में ही रहने को मजबूर हो जाती है.

यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने रूबी मंसूरी की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने प्रमुख सचिव विधि को राज्य सरकार से परामर्श कर चार माह के भीतर नियम में बदलाव की कार्यवाही करने का आदेश दिया है.



याची तलाकशुदा को पिता के आश्रित कोटे में नियुक्ति देने से व्यापार कर विभाग ने इंकार कर दिया और कहा कि सेवा नियमावली में तलाकशुदा लड़की को मृतक आश्रित नियमावली में नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं दिया गया है, केवल अविवाहित व विधवा को ही आश्रित नियमावली में नियुक्ति पाने का हक मिला है.

याची के अधिवक्ता शिवम यादव का कहना था कि विधवा की तरह तलाकशुदा पुत्री को भी आश्रित कोटे में नियुक्ति दी जाए. ऐसा न करना तलाकशुदा पुत्री के साथ अन्याय है. तलाकशुदा पुत्री को आश्रित कोटे में नियुक्ति का हक न देने का औचित्य नहीं है.

 

 



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