गंगा सफाई के लिए केंद्र ने नहीं दी फूटी कौड़ी : आजम खां

Last Updated 20 Nov 2015 11:44:50 AM IST

गंगा की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने डेढ़ वर्ष में फूटी कौड़ी भी नहीं दी है.


गंगा सफाई के लिए केंद्र ने नहीं दी फूटी कौड़ी : आजम खां (फाइल फोटो)

हालांकि प्रदेश सरकार सीमित संसाधनों में ही गंगा की सफाई कर रही है और करती रहेगी. यह बात प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री आजम खां ने ‘गंगा की पुकार’ पर आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम में कही.

सरसैयाघाट पर ‘गंगा की पुकार’ विषयक परिचर्चा में आजम खां ने कहा कि गंगा सफाई की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है. जब तक समाज के लोगों में गंगा की सफाई के प्रति जागरुकता नहीं आयेगी, तब तक गंगा की सफाई होना संभव नहीं है. गंगा की सफाई के लिए समाज के लोगों को गंगा में गंदगी फैलाने से खुद को भी रोकना होगा. गंगा की सफाई के लिए प्रदेश सरकार ने एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा है. परंतु डेढ़ वर्ष हो गये केंद्र सरकार ने डेढ़ रुपया भी नहीं दिया है.

उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई के लिए केंद्र सरकार भी नमामि गंगे योजना चला रही है. वह योजना 6 हजार करोड़ की है. इस योजना में गंगा के किनारे बसे 31 शहरों के लिए कार्य योजनायें बनाया जाना है.

मंत्री आजम खां ने कहा कि किसी भी धर्म में यह नहीं लिखा है कि जिसकी पूजा करो, उसे ही गंदा करो. श्री खान ने कहा कि गंगा, तुलसी, पीपल किसी एक धर्म के नहीं है. यह कुदरत की पहचान हैं. इसलिए यह पूरे समाज के हैं. इसे बचाना सभी की जिम्मेदारी है. वहीं तुलसी औषधि है, जबकि पीपल ही ऐसा एक मात्र वृक्ष है जो कि 24 घंटे आक्सीजन देता है. इसकी पूजा करने का एक ही मतलब है कि वह सुरक्षित बना रहे. गंगा में यदि एक बूंद गंदगी डाली जायेगी तो उसको साफ करने की पूरे समाज व देश की जिम्मेदारी है. गंगा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. गंगा सभी धर्मों की है. गंगा पर राजनीति होने से ही अभी तक करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी वह साफ नहीं हो सकी है.

खां ने अपील की कि गंगा को साफ रखने के लिए लोगों को पालीथीन फेंकने पर नियंत्रण रखना होगा. उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई के लिए गंगा में गिरने वाले सभी नालों को एक नाले में गिराना असंभव है. यह तकनीकी मामला है. गंगा की सफाई के लिए लोगों को आपसी भेदभाव मिटाकर संयुक्त रूप से प्रयास करना होगा, तभी गंगा साफ होगी.

उन्होंने यह भी कहा कि किसी आंदोलन को सफल बनाने के लिए भीड़ का इंतजार न करें. भीड़ कोई भी बड़ा काम नहीं करती है. बड़ा काम हमेशा एक ही आदमी करता है, इसलिए अभियान को सफल बनाने के लिए बिना रुके प्रयास करना होगा.

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उनके रसूल में भी गोमांस को पसंद नहीं किया जाता है. केवल दूध व घी को ही पसंद किया जाता है. उन्होंने बताया कि हैदराबाद में जिस कारखाने का गोश्त निर्यात किया जाता है, वह किसी मुस्लिम का नहीं है.

उन्होंने यह भी कहा कि देश में मांस का निर्यात करने वालों में केवल 20 फीसद ही मुस्लिम हैं. 80 फीसद कारखाने हिंदुओं के हैं. बड़े कारखानों से निर्यात होने वाला मांस हलाल का नहीं होता है, इसलिए उसे मुस्लिम खाना भी पंसद नहीं करता है. कैबिनेट मंत्री ने केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री विदेशों से काला धन वापस लाने की बात कहते ही रहे और 6 हजार करोड़ रुपये हिंदुस्तान से विदेश में ट्रांसफर हो गया.

बिहार की जनता को बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कि वहां की जनता ने सही फैसला किया है. यदि वहां पर भाजपा की सरकार बन जाती तो वहां पर अशांति फैल जाती. उन्होंने कहा कि कट्टरवादी कभी भी इंसानियत का दुश्मन नहीं हो सकता है. उन्हें लोग कट्टरवादी कहते हैं, उन्हें इससे कोई गुरेज नहीं है. वह हमेशा से ही कहते रहे हैं कि मस्जिद, मंदिर आदि धर्मस्थलों को नुकसान मत पहुंचाओ. इंसान की जान लेकर कानून को अपने हाथों में मत लो.

इस मौके पर हरिचैतन्य ब्रह्मचारी ने कहा कि खनन माफियाओं व उत्तराखंड की सरकार ने गंगा को कैद कर लिया है. जब तक गंगा अविरल नहीं होगी, तब तक निर्मल नहीं हो सकती है. सरकारें हाईकोर्ट के आदेशों को भी नहीं मान रही हैं. न्यायालय का आदेश है कि ढाई हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाये, परंतु वास्तविकता में ढाई सौ क्यूसेक पानी ही छोड़ा जा रहा है.

इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ कैबिनेट मंत्री आजम खां, हरिचैतन्य ब्रह्मचारी व रामजी त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया.

कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालों में सचिव नगर विकास एसपी सिंह, डा. शारदा पांडेय, राकेश जायसवाल, हाजी मो. सलीस, माधुरी सिंह, महंत जितेंद्र दास भी शामिल थे. इस मौके पर विधायक सतीश निगम, इरफान सोलंकी, धम्रेश चतुर्वेदी, नरेंद्र शर्मा, मनोज दुबे, विद्यासागर, जौहर कानपुरी, कीर्ति अग्निहोत्री आदि मौजूद थे.



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