मोदी सरकार में कट्टरपंथ को मिला है बढ़ावा : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
मोदी सरकार में कट्टरपंथ को बढ़ावा (फाइल फोटो) |
लखनऊ में कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर उनके स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद मायावती ने बीजेपी सरकार को आरक्षण और सीबीआई पूछताछ को लेकर निशाने पर लिया
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को गरीबों के दुख-दर्द से कोई लेना-देना नहीं है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा आरक्षण पर दिया गया बयान सरकार के असली चेहरे को सामने लाने वाला है. यह सरकार आरक्षण विरोधी है. लेकिन मैं आरक्षण खत्म नहीं होने दूंगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है. मोदी सरकार में देश में कट्टरपंथ को बढ़ावा मिला है. पाकिस्तानी गायक गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द होना इसका सबसे बड़ा प्रमाण है.
उन्होंने कहा कि दादरी में जो कुछ हुआ, वह भी सरकार की उदासीनता का नतीजा है.
इस मौके पर मायावती ने उत्तरप्रदेश की सरकार पर भी जमकर हमला बोला. कहा कि अखिलेश सरकार में जंगलराज कायम है. यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. उत्तर प्रदेश में जो स्थिति बनी हुई है, उससे ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार और यूपी सरकार मिली हुई है.
उन्होंने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है. मुजफ्फरनगर दंगा की जांच के लिए बने आयोग की रिपोर्ट भी आ गयी है, इससे भी भाजपा और समाजवादी पार्टी का असली चेहरा सामने आया है.
दादरी कांड पर मायावती ने कहा कि बीजेपी की सरकार आने के बाद मुस्लिम और बाकी अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इस घटना पर पीएम का बयान सिर्फ राजनीतिक है. इस सरकार से कई साहित्यकार भी परेशान हो गए हैं, औऱ अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं. यहां तक कि एक पाकिस्तानी गायक गुलाम अली के कार्यक्रम तक को रोक दिया गया.
यूपी में हमारी सरकार आई तो गुलाम अली साहब को बुलाकर उनके मनोबल को बढ़ाएगी.
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