उपद्रव की गवाही दे रहा है अखलाक का कमरा

Last Updated 07 Oct 2015 03:38:15 PM IST

उत्तर प्रदेश में बिसाहड़ा गांव में अखलाक के कमरे के हालात आज भी उस दर्दभरी दासतां को कह रहे हैं जहां उस मनहूस रात को गौमांस खाने की अफवाह पर उसकी पीटपीट कर हत्या कर दी गयी थी.


उपद्रव की गवाही दे रहा है अखलाक का कमरा (फाइल फोटो)

अखलाक के नजदीकी रिश्तेदार अशफाक के अनुसार  अखलाक घटना के समय दो मंजिले पक्के मकान की ऊपरी मंजिल में अपने बेटे दानिश के साथ था.

अचानक गली से आयी भीड़ उसके घर की ऊपरी मंजिल की तरफ बढ़ी तो वह भय के मारे दरवाजे की चटखनी लगाकर अंदर के कमरे में चला गया. 

दरवाजे पर हमला कर रही भीड़ चिल्लाचिल्ला कर उसे बाहर निकलने के लिये कहती. वह सहमे हुए अंदर के कमरे में बेटे के साथ दीवार के सहारे छिपने की कोशिश करता रहा लेकिन उसकी कोशिश अचानक तब बेकार हो गयी जब उत्तेजित भीड़ दरवाजा तोड़कर उसके पास पहुंच गयी.        

\"\"भीड़ ने किस कदर तबाही मचायी इसकी गवाही बाहर के कमरे में बिखरा सामान आज भी दे रहा है.फ्रिज भी बाहर के कमरे में रखा है और उसका दरवाजा टूटा हुआ है. कमरे में रखा सामान बेतरतीब फैला हुआ है.

अशफाक का कहना है कि कमरे की हालत और भी बदतर थी लेकिन आने जाने वालों की सुविधा के लिए बिखरे सामान को थोड़ा हटाया गया है. अशफाक का गाजियाबाद में कारोबार है और वह घटना के समय अपने घर पर था लेकिन उसके तुरंत बाद वहां पहुंच गया था.     

बाहर के कमरे में अखलाक की पत्नी कपड़ों की सिलाई करती थी. पैर से चलने वाली दो मशीनें वहां टूटी हुई हालात में हैं. हाथ से चलने वाली सिलाई की दो अन्य मशीनें भी टूटी पड़ी है.

अशफाक ने बताया कि भीड़ को देखकर अखलाक अपने बेटे दानिश को लेकर बचने के लिए अंदर के कमरे में चले गए. बाहर के कमरे में चटखनी लगा दी लेकिन भीड़ ने दरवाजा तोड़ दिया और अंदर घुस गयी. 

उसका कहना है कि निचली मंजिल में उसकी मौसी तथा मौसेरी बहन थी. भीड़ उनकी तरफ नहीं जाकर सीधे ऊपर के कमरे की तरफ बढ़ी जहां अखलाक और दानिश मौजूद थे. दानिश का नोएडा के कैलाश अस्पताल में इलाज चल रहा है.

उसके सिर पर गंभीर चोट आयी है जिसका ऑपरेशन भी किया गया है. वह अब भी आईसीयू में छह डाक्टरों और विशेष मेडिकल टीम की देखरेख में है.       




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