आजम खां ने यूएनओ को पत्र लिख किया राष्ट्रद्रोह: भाजपा

Last Updated 07 Oct 2015 04:05:19 AM IST

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री मो. आजम खां ने संयुक्त राष्ट्र को शिकायती पत्र भेजकर राष्ट्रद्रोह किया है.


उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री मो. आजम खां

उनकी अनर्गल बयानबाजी से राज्य ही नहीं देश का माहौल बिगड़ने की आशंका है. राज्य सरकार भी तुष्टिकरण का खेल खेलकर दो समुदायों के बीच दीवार खड़ी करने का काम कर रही है. सपा की बांटने की राजनीति की भत्र्सना करते हुये लोगों से इस तरह के राजनेताओं से सजग रहने की अपील की है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री धर्मपाल सिंह और प्रदेश कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अपराधिक घटनाओं को राजनैतिक चश्मे से देखना खतरनाक है.

इससे अपराध घटने के बजाय लगातार बढ़ेंगे. इस तरह की राजनीति से लोकतंत्र भी खतरे में पड़ जायेगा. उन्होने दादरी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुये कहा कि इस मामले में विधि संगत कार्यवाही करने के बजाय राजनैतिक लाभ उठाने की कोशिश में जुट गई है. उन्होने पूछा कि क्या हत्या के सभी मामलों में राज्य सरकार इसी तरह दरियदिली दिखाकर 45 लाख रूपये, नौकरी और मकान आदि पीड़ित परिवार को देगी.

उन्होने पूछा कि पिछले दिनों पशु तस्करों की गोली से बरेली की फरीदपुर तहसील में मारे गये दरोगा मनोज मिश्रा के परिवार को इतनी मदद क्यों नहीं दी गई.

उन्होने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि अपराधों से पीड़ित परिवारों को सरकारी सहायता दिये जाने में भेदभाव हो रहा है. उन्होने कहा कि 2013 में कूर्माचल में पुलिस के एक अधिकारी जियाउल हक के मामले में भी सपा सरकार ने अपने एक कद्दावर मंत्री राजा भईया को वेवजह मंत्री पद से हटा दिया था.

हालांकि बाद में सीबीआई की जांच में उन्हे निदरेष घोषित किया गया था. इस मामले में मंत्री भी पीड़ित परिवार को मुआवजा और नौकरी आदि देने में सपा सरकार ने मुक्त हस्त से काम किया था. उन्होने आरोप लगाया कि किसी भी अपराधिक घटना में मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति के पीड़ित होने पर राज्य सरकार और उनके वरिष्ठ मंत्री आजम खां वेवजह की हाय-तौबा मचाकर सरकारी धन को लुटाते रहे हैं.

उन्होने कहा कि सपा के लोग भले ही भाजपा पर साम्प्रदायिकता के आरोप लगाते हैं लेकिन सपा तुष्टिकरण का खेल खेलकर अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों के बीच लगातार खाई-चौड़ी कर रही है. उन्होने कहा कि अब समय आ गया है कि जब साम्प्रदायिकता की परिभाषा भी तय होनी चाहिये. समाज को बांटने वाले दल और उनके नेता खुद को सेक्युलर कहते थकते नहीं हैं. उनकी करतूतों से माहौल लगातार बिगड़ रहा है.

लोकतंत्र के हित में इस तरह का खेल अब बंद होना चाहिये. उन्होने कहा कि आजम खां अपनी बयानबाजी से समाज को लगातार बांटने का काम करते रहे हैं.

उन्होने आरोप लगाया कि यूएनओ को पत्र लिखकर उन्होने लोकतांत्रिक मर्यादाओं की सभी सीमाओं को लांघ दिया है. इससे देश का अपमान हुआ है और यह सीधे-सीधे राष्ट्रद्रोह का मामला है.

राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने इस बेलगाम मंत्री पर अंकुश लगाना चाहिये. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री बहुत कमजोर हैं और वे इस मामले में कुछ नहीं कर पायेंगे.



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