वाराणसी हिंसा के लिए 50 व्यक्ति गिरफ्तार, राजनाथ ने कहा घटना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’

Last Updated 06 Oct 2015 06:59:40 PM IST

गंगा में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ गत सोमवार को साधु संतों एवं अन्य स्थानीय नेताओं के मार्च के दौरान हुई हिंसा एवं आगजनी की घटना के एक दिन बाद यहां 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया.


वाराणसी हिंसा के लिए 50 व्यक्ति गिरफ्तार

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.गड़बड़ी की आशंका के चलते वाराणसी के जिलाधिकारी राजमणि यादव ने स्कूल और कालेज बंद रखने का आदेश दिया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के गोदौलिया इलाके में मंगलवार को कुछ ही पर्यटक दिखायी दे रहे थे. इसी इलाके में हिंसा भड़की थी.

प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने, पथराव करने और पुलिस के चार वाहनों, बूथ, आधा दर्जन मोटरसाइकिल और कुछ दुकानों में आग लगाने के कारण आठ पुलिसकर्मियों सहित 25 लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने देसी बम भी फेंके.

प्रदर्शनकारी उन प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ थे जो गंगा नदी में गणोश प्रतिमाओं के विसर्जन के सपा सरकार के प्रतिबंध को वापस लेने की मांग कर रहे थे.

राजनाथ सिंह ने दिल्ली में कहा, ‘‘वाराणसी में जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. कानून एवं व्यवस्था राज्य सरकार से जुड़ा विषय है. मैंने कल कई अधिकारियों से बात की और मुझे सूचित किया गया है कि स्थिति को सामान्य करने के प्रयास किये जा रहे हैं.’’

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार की रात वाराणसी के एसएसपी आकाश कुलहरि से बात करके स्थिति के बारे में जानकारी ली थी और उनसे शांति सुनिश्चित करने को कहा था.

वाराणसी में एक अधिकारी ने कहा कि प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. स्थिति ‘‘नियंतण्रमें और शांतिपूर्ण है.’’

हिंसा भड़कने के बाद कल वाराणसी के चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था जिसे रात नौ बजे हटा लिया गया.

पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बल कल रात से ही प्रभावित इलाकों में गश्त कर रहे हैं. गिरफ्तार लोगों की संख्या मंगलवार की सुबह 29 से बढ़कर 50 हो गई.

अधिकारी ने कहा कि इन लोगों को कथित आगजनी और पथराव की घटनाओं में संलिप्त रहने के लिए गिरफ्तार किया गया है.

हिंसा प्रभावित इलाके का गोदौलिया चौक प्राचीन दशामेध घाट की तरफ जाने वाला मुख्य मार्ग है और वहां बड़ी संख्या में घरेलू एवं विदेशी पर्यटक आते हैं.

बहरहाल कल की हिंसा के कारण आज काफी कम संख्या में पर्यटक घाट पर आए. नाविक भी घाट पर कम दिखे.

स्थानीय जिला अदालत के वकीलों ने भी संतों और स्थानीय लोगों पर 22 सितम्बर की रात को पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में आज लगातार दूसरे दिन कार्य का बहिष्कार किया. प्रतिमा विसर्जन के मुद्दे पर जब वे गोदौलिया चौराहे पर धरना दे रहे थे तब पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.

सोमवार को हिंसा उस समय भड़क उठी जब लाठीचार्ज की घटना के विरोध में संत, कांग्रेस विधायक अजय राय और भाजपा नेताओं सहित हजारों की संख्या में लोग टाउनहॉल से दशामेध घाट तक मार्च निकाल रहे थे.



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