बाराबंकी में उग्र भीड़ ने फूंकी पुलिस चौकी, पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़कर पीटा

Last Updated 01 Sep 2015 06:36:41 AM IST

लखनऊ में जबरन अन्तिम संस्कार करा देने पर भड़की उग्र भीड़ ने सोमवार को माती पुलिस चौकी फूंक दी और पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा.


बाराबंकी में उग्र भीड़ ने फूंकी पुलिस चौकी, पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़कर पीटा

देवा कोतवाली के लॉकअप में रविवार को हुई युवक की मौत के बाद पुलिस द्वारा उसका भैसाकुण्ड (लखनऊ) में जबरन अन्तिम संस्कार करा देने पर भड़की उग्र भीड़ ने सोमवार को माती पुलिस चौकी फूंक दी और पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. भीड़ ने आधा दर्जन मोटरसाइकिलों में आग लगा दी और चौकी प्रभारी की कार तोड़ डाली. इसके बाद चौकी में पुलिस बैरक पर हमला बोल कर सारा सामान लूट लिया. घायल सिपाहियों को हिंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

उधर घटना की सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए हमलावरों के घरों में तोड़-फोड की. मण्डलायुक्त व डीआईजी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने आधा दर्जन ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 25 लोगों को नामजद करने के साथ ही डेढ़ सौ अज्ञात लोगों के विरूद्ध आगजनी, तोड़फोड़, डकैती, सरकारी कार्य में बाधा व जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया गया है. जिलाधिकारी का कहना है कि बलवाइयों के विरूद्ध एनएसए की कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि मोटरसाइकिल चोरी में पकड़ कर लाये गये युवक सुभाष राजवंशी ने रविवार को देवा कोतवाली के लॉकअप में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. सुभाष के पिता छोटेलाल निवासी सैरपुर थाना मड़ियाव की काफी पहले मौत हो गयी थी. उसकी मां शकुन्तला ने भवानीपुर, अल्दमपुर थाना इंटौजा निवासी मनीराम से दूसरा विवाह कर लिया था. सुभाष कुछ वर्षो से देवा थाने के माती चौकी अन्तर्गत सरसौंदी गांव में अपने मामा रामसजीवन के यहां रह रहा था.

प्रशासन ने सोमवार की सुबह सात बजे मृतक सुभाष का पोस्टमार्टम कराकर शव भैंसाकुण्ड (लखनऊ) भेजकर अंतिम संस्कार करवा दिया.  इसके बाद पंचायत चुनाव की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों ने राजनीतिक रोटियां सेंकनी शुरू कर दी. बताया जाता है कि इनमें से कुछ लोगों ने सुभाष का लखनऊ में जबरन अंतिम संस्कार करा देने पर ग्रामीणों को भड़काया. इसके बाद सरसौंदी, जरूवा, रेंदुवा पल्हरी आदि गांवो के सौ-डेढ़ सौ लोग माती बाजार में एकत्र हो गये और माती पुलिस चौकी पर हमला बोल दिया.

हमलावरों ने माती चौकी पहुंचते ही यहां मौजूद सिपाहियों प्रदीप सिंह, राजेन्द्र सिंह, पारसनाथ मिश्रा को लाठी-डण्डों से बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया. सिपाहियों ने चौकी के पीछे के रास्ते से भाग कर धान के खेतों में छिपकर किसी तरह अपनी जान बचाई. इसके बाद बलवाइयों ने पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया. यही नहीं बलवाइयों ने चौकी में खड़ी आधा दर्जन मोटरसाइकिलों को पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी व चौकी इंचार्ज की कार क्षतिग्रस्त कर डाली. बलवाइयों ने चौकी में रखे समस्त अभिलेखों में भी आग लगा दी.

सूचना पाकर क्षेत्राधिकारी नगर अमिता सिंह कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंची तब जाकर बलवाई चौकी से भागे. पुलिस ने सर्वप्रथम खेतों में छिपे पुलिसकर्मियों को ढूंढकर उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा. इसी बीच कमिश्नर फैजाबाद सूर्य प्रकाश सिंह, डीआईजी वीके गर्ग, जिलाधिकारी योगेर राम मिश्रा, पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद भी मौके पर पहुंचे. सिपाहियों व ग्रामीणों की मदद से बलवाइयों को चिन्हित कर धरपकड़ शुरू की गयी. पुलिस की टीमों ने सरसौंदी, जरूवा, रेंदुवा पल्हरी आदि गांवो में पहुंचकर जमकर तोड़फोड़ की. पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद ने बताया कि मुकदमा दर्ज करने के साथ ही गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं. जिला प्रशासन का कहना है कि बलवाइयों को जिन लोगों ने भड़काया उनके विरूद्ध भी 120बी की कार्रवाई की जाएगी. घटना के पीछे एक पूर्व मंत्री की भी साजिश बतायी जा रही है.



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