ललित मोदी मामले में आडवाणी ने सुषमा, वसुन्धरा को बचाया: गहलोत

Last Updated 01 Sep 2015 02:27:14 AM IST

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ललित मोदी प्रकरण में लालकृष्ण आडवाणी ने सुषमा स्वराज और वसुन्धरा राजे को बचाया है.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लखनऊ में कहा कि ललित मोदी प्रकरण में लालकृष्ण आडवाणी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को बचाया है.

राजीव गांधी स्टडी सर्किल के एक कार्यक्रम में लखनऊ में हिस्सा लेने आये गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि आडवाणी ने देश में आपातकाल की चर्चा कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा की दोनों महिला नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करने पर विवश कर दिया. हालांकि आडवाणी ने बाद में अपनी सफाई में कहा कि आपातकाल की बात उन्होंने कांग्रेस के सन्दर्भ में कही थी, जबकि सच तो यह है कि उन्होंने यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की थी.

उन्होंनें कहा कि ललित गेट में भाजपा की दोनों महिला नेता के फंसे होने पर प्रधानमंत्री चुप हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि वह भी कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष के आरोपों को सही मान रहे हैं, लेकिन विदेश मंत्री तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे हैं.

गहलोत ने लखनऊ  में दावा किया कि कांग्रेस ने कभी भी भ्रष्टाचार के सवाल पर जनता के मूड ओर मांग की अनदेखी नहीं की. केन्द्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार के कार्यकाल में किसी मंत्री पर यदि भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उसने इस्तीफा दियाए जबकि केन्द्र में अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार में ऐसा नहीं हो रहा है.

प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के मायने और उसकी परिभाषा बदल दी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कहना कि उनके 15 महीने के शासनकाल में कोई भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पहले यह बतायें कि काम ही क्या हुआ. काम होगा तभी तो भ्रष्टाचार की गुंजाईश होगी. वैसे जनता इसका स्वयं परीक्षण कर रही है, जिसका जवाब आने वाले दिनों में भाजपा को जरूर मिलेगा.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने विदेश दौरे में विपक्ष की आलोचना में ही ज्यादा वक्त बिताते हैं. अब तक किसी भी प्रधानमंत्री ने विदेश जाकर देश के किसी राजनीतिक दल की आलोचना नहीं की. यहां तक कि भाजपा के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी कभी ऐसा नहीं किया.

मोदी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को अपना आदर्श मानते हैं. कम से कम उनको वाजपेयी से सीख लेनी चाहिए थी. गहलोत ने ललितगेट घोटाले में संसद नहीं चलने देने के सत्ता पक्ष के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया. उन्होंनें कहा कि भाजपा यदि चाहती तो संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकती थी.

हालांकि ऐसा कहने का भाजपा को कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस नेता सुखराम के भ्रष्टाचार के सवाल पर भाजपा ने पूरे बारह दिन  संसद नहीं चलने दी और बाद में न सिर्फ सुखराम के साथ मिलकर सरकार बनायी, बल्कि उन्हें अपनी पार्टी में भी शामिल किया.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपे जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी पार्टी की सर्वमान्य नेता हैं. राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपे जाने की बात तो मीडिया की उपज है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के फिर से मुख्य पार्टी के रूप में सामने आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले समाजवादी पार्टी और बाद में बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनावी गठजोड़ से खासा नुकसान हुआ. कांग्रेस ने इससे बहुत कुछ सीखा है. भविष्य में इस बात का ध्यान पार्टी जरूर रखेगी.



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