जन्माष्टमी आई रे-ठाकुर की रंग बिरंगी पोशाक से पटी मथुरा

Last Updated 31 Aug 2015 03:42:58 PM IST

ब्रज के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां तेज हो गई हैं और मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, बरसाना और नन्दगांव के बाजार ठाकुर की रंग बिरंगी पोशाकों से पट गए हैं.


जन्माष्टमी आई रे

ब्रज के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां तेज हो गई हैं और मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, बरसाना और नन्दगांव के बाजार ठाकुर की रंग बिरंगी पोशाकों से पट गए हैं. देश के विभिन्न भागों में जन्माष्टमी का त्योहार मात्र एक दिन का होता है जबकि ब्रजवासियों के लिए हर दिन जन्माष्टमी की तरह उत्सव का होता. तभी तो कवि कैलाशचन्द्र कृष्ण ने कहा था कि ब्रज के आंगन में हर दिन जन्माष्टमी की लाली है. कवि ने यह पंक्ति यूं ही नहीं लिख दीं.

ब्रजवासियों के तो श्रीकृष्ण लला हैं और बहुतों के  सखा हैं. लला उनके परिवार के सदस्य की तरह हैं. तभी तो घर के बड़े बूढ़े उनसे कहते हैं कि छोरा ने रेलवे में फार्म भर दिया है वा को ध्यान रखना और जब उनका छोरा चुन जाता है तो वे नाच उठते हैं और श्रीकृष्ण का गुणगान करने लगते हैं लेकिन जब उनका छोरा नहीं चुना जाता है तो विधिवत मंदिर जाकर श्रीकृष्ण से बाकायदा उलहाना भी करते हैं. 

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इस सबके बावजूद उनका लला तो लला ही है और यही कारण है कि जन्माष्टमी पर ब्रज का हर घर मंदिर बन जाता है इसलिए जन्माष्टमी की जिस प्रकार की तैयारी मंदिरों में होती है वैसी ही तैयारी घरों में होती है. जन्माष्टमी पर देश के दूर दराज से लाखों तीर्थयात्री ब्रजभूमि की ओर चुम्बक की तरह खि़ंचे चले आते हैं.

इसलिए जिला प्रशासन के लिए भी जन्माष्टमी का त्योहार किसी चुनौती से कम नहीं होता है.
 
जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इस चुनौती के मद्देनजर एक महीने पहले से ही जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू करा दी गईं हैं. उन्होंने बताया कि जहां सुरक्षा के लिए बाहर से अतिरिक्त पुलिस बल की मांग राज्य सरकार से की गई है वहीं सड़कों की मरम्मत जारी है.


 
वाहनों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए पार्किंग प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. श्री कुमार ने बताया कि इस बार पार्किंग की इस प्रकार से व्यवस्था की जा रही है कि बाहर से आनेवाले यात्री को पार्किंग के लिए भटकना न पड़े तथा उसका वाहन सुरक्षित भी रहे. उन्होंने बताया कि विभिन्न मार्गों से आनेवाले वाहनों के लिए पहली बार अलग अलग क्षेत्र में पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है.

जहां कुछ मंदिरों में प्रसाद का बनना शुरू हो गया है वहीं अन्य मंदिरों में प्रसाद की सामग्री इकट्ठा की जा रही है. इस बीच, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर चूंकि तीर्थ यात्रियों का सबसे अधिक जमावड़ा श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होता है और यहां आने वाले हर तीर्थयी को प्रसाद दिया जाता है इसलिए प्रसाद का बनना आज से शुरू हो गया है.

उन्होंने बताया कि इस बार भागवत भवन के लिए ठाकुर की विशेष पोशाक तैयार कराई जा रही है.

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भारत विख्यात द्वारिकाधीश मंदिर के जन संपर्क अधिकारी राकेश तिवारी ने बताया कि मंदिर की जहां सफाई एवं आवश्यकतानुसार रंगाई का काम चल रहा है वहीं

ठाकुर को धारण कराने जाने वाले आभूषणों को तोशाखाने से निकालने की व्यवस्था की जा रही है.

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उन्होंने बताया कि सामान्यतया मंदिर में डाले जानेवाले विशालकाय दो चांदी के और एक सोने के हिंडोलों को रक्षाबंधन के बाद तोशाखाने में रख दिया जाता है. इस बार तीर्थयात्रियों की सुविधा के यह जन्माष्टमी तक पड़े रहेंगे.

श्री तिवारी ने तीर्थयात्रियों से अनुरोध किया है कि वे जन्माष्टमी पर जब मंदिर में दर्शन के लिए आएं तो अपने साथ झोले आदि लेकर न आएं तथा अपने जूते या चप्पलों को अपने ठहरने के स्थान पर ही छोड़कर आएं.

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पिछले दो साल से वृन्दावन के संत महंतो द्वारा विशाल शोभायात्रा जन्माष्टमी पर निकाली जाती है. इसके संयोजक राधा श्यामसुन्दर मंदिर के महंत स्वामी कृष्ण गोपालानन्द के अनुसार इसकी रूप रेखा बनाई जा चुकी है और उसी प्रकार से तैयारियां शुरू हो गई हैं. 
 
वृन्दावन के राधा दामोदर मंदिर, राधा रमण मंदिर एवं टेढ़े खम्भेवाले मंदिर में दिन में ही जन्माष्टमी मनाई जाती है तथा हर भक्त को चरणामृत वितरित किया जाता है इसलिए दूर दराज से दूध मंगाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
  
नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, गोवर्धन और नन्दगांव में भी जन्माष्टमी की तैयारियों तेजी से जारी है. कुल मिलाकर अभी से ब्रजमंडल जन्माष्टमी के रंग में रंगने लगा है.



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