यूपी के मिर्जापुर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच जमकर फायरिंग
यूपी के मिर्जापुर जिले के पड़री थानांतर्गत भरपुरा गांव में जिला बदर अपराधी की गिरफ्तारी को लेकर ग्रामीणों और पुलिस के बीच संघर्ष हो गया.
मिर्जापुर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच जमकर फायरिंग |
संघर्ष के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस की जीप पर पथराव किया. ग्रामीणों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी. पथराव में एक सब इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस कर्मी घायल हो गये वहीं सात ग्रामीण भी घायल हो गये. घटना के बाद पूरे गांव में दहशत बना हुआ है.
जानकारी के अनुसार भरपुरा गांव निवासी हसनु पुत्र जोखन कई संगीन मामले में आरोपी है. जिसके चलते उसे 24 जुलाई 2015 को जिलाधिकारी ने जिला बदर घोषित किया था. इसके बाद 30 जुलाई को इसकी मुनादी भी करायी गयी थी. इसके बाद से पुलिस उसे गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गयी थी.
बताते हैं कि थानाध्यक्ष योगेश यादव अपनी टीम के साथ गुरुवार को अल सुबह उसके घर पर दबिश दी. पुलिस पार्टी ने उससे ही रोककर पूछा कि हसनु का घर कहां है. उसने अपना नाम विजय बताया और भागने लगा. पुलिस को शक हुआ कि कहीं न कहीं यह हसनु ही है. दौड़ाकर उसे धर दबोचा. उसे गिरफ्तार करके पुलिस ने जीप में बैठाकर ज्यों ही आगे बढ़ने का प्रयास किया उसी समय गिरफ्तारी की भनक लगते ही उसकी पत्नी हलीमुन समेत परिवार के अन्य सदस्य जीप के आगे लेटकर पुलिस के कार्यवाही का विरोध शुरू कर दिया.
परिजन के विरोध को देखते हुए गांव के सैकड़ों लोग लामबंद हो गये और लाठी-डंडा व ईंट पत्थर से लैश होकर पुलिस पार्टी को घेर कर धावा बोल दिया और उसे छुड़ाने का प्रयास करने लगे. पुलिस पार्टी ग्रामीणों की भीड़ देखकर सख्ते में आ गयी और जीप में बैठे अभियुक्त को छुड़ाने के लिए ग्रामीण व पुलिस के बीच हाथापायी शुरू हो गयी.
पुलिस की तुलना में ग्रामीणों की संख्या अधिक होने के कारण पुलिस बल पर ग्रामीण भारी पड़ गये और उसे पुलिस के कब्जे से छुड़ा लिया इसके बाद वह मौके से फरार हो गया. ग्रामीणों द्वारा अभियुक्त को छुड़ाये जाने के बाद ग्रामीणों ने पुलिस पार्टी पर ईंट-पत्थर से बौछार करना शुरू कर दिया.
पुलिस ने बचाव में फायरिंग शुरू कर दी. जिससे ग्रामीणों में भगदड़ मच गयी और अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे. इस दौरान सात ग्रामीण घायल हो गये जबकि ग्रामीणों के पथराव से सब इंसपेक्टर अखिलेश्वर सिंह यादव सिपाही राज सिंह राणा तौआब खान घायल हो गये.
घायल ग्रामीणों में अस्फाक (25) पुत्र असरफ, आसमा (10) पुत्री सफिकउल्ला, बित्तन (50) पत्नी सफीकउल्ला, हलिमुन (28) पत्नी हसनु, अहमद (55) पुत्र सुक्खू, खालिक (40) पुत्र रमजान, मानिक चंद्र (50) पुत्र विश्वनाथ शामिल हैं.
दोनो पक्ष के घायलों को इलाज के लिए मंडलीय चिकित्सालय लाया गया. जिला बदर अभियुक्त के चाचा अशरफ ने अपर पुलिस अधीक्षक को दिये पत्र में आरोप लगाया कि उसके भतीजे हसनु को पुलिस ने मारकर उसे मरणासन्न समझकर छोड़कर भागने लगी. जिस पर ग्रामीणों ने ऐतराज किया कि उसे यहां छोड़े नहीं अपने साथ ले जाकर इलाज करायें.
थाना प्रभारी योगेश यादव का कहना है कि हसनु मनबढ़ अपराधी प्रवृत्ति का युवक है. जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का वातावरण बना रहता है. पुलिस उसे गिरफ्तार कर वापस लौट रही थी. इसी दौरान घटना घटित हुई. घटना की जांच सीओ सदर सर्वजीत शाही को सुपूर्द कर दी गई है. पुलिस में 30 अज्ञात व सात ग्रामीण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया.
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