यूपी में लोकायुक्त चयन समिति से चीफ जस्टिस बाहर

Last Updated 28 Aug 2015 12:43:22 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने लोकायुक्त संशोधन विधेयक पारित करवाकर लोकायुक्त चयन समिति में इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की भूमिका खत्म कर दी है.


लोकायुक्त चयन समिति से चीफ जस्टिस बाहर (फाइल फोटो)

विधानसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के बावजूद लोकायुक्त और उप लोकायुक्त की चयन समिति से इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस  को बाहर करने और विधानसभा अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल करने संबंधी संशोधन विधेयक पारित हो गया. इसके विरोध में बसपा, बीज्पी और कांग्रेस ने सदन से वाकआउट किया.

मानसून सत्र के अंतिम दिन अचानक संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खां ने अनुपूरक एजेंडे के जरिए संशोधन विधेयक पटल पर रखा. विधेयक पेश करते ही विपक्ष ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और सदन से बहिर्गमन किया.

विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और भारतीय जनता पार्टी ने विधेयक को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि सत्तारुढ़ पार्टी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अब तक के राजनीतिक जीवन पर काला धब्बा लगाना चाहती है. उन्होंने विधेयक को प्रवर समिति कमेटी को सौंपे जाने की मांग की.

विधेयक के अनुसार मुख्यमंत्री, लोकायुक्त और उप लोकायुक्त चयन समिति के अध्यक्ष होंगें जबकि विधानसभा में नेता विपक्ष और विधानसभा के अध्यक्ष इसके सदस्य होंगे. यह तीनों सदस्यों की संस्तुति पर ही उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के अवकाश प्राप्त एक न्यायाधीश चौथे सदस्य के रूप में समिति में होंगे.

इसके बाद यह विधेयक को बसपा के वाक आउट के बाद विधान परिषद से भी पारित हो गया.

इसके अलावा डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान विधेयक, 2015 और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2015 भी ध्वनिमत से पारित हो गये. इसी के साथ विधानपरिषद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई.



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